नई दिल्लीः एक तरफ जहां क़ुरान और मुसलमान को लेकर पूरी दुनिया में बहस छिड़ी हुई है और रोज़ एक नया विवाद सामने आ रहा है. वहीं, ऑस्ट्रेलिया में गठित नई सरकार ( Australia New Government)  में मंत्री बनीं ऐनी अली ( Anne Ali youth minister) ने हाथों में क़ुरान शरीफ़ (Quran Sharif) लेकर अपने ओहदे और राजदारी  का हलफ़ लिया है, जिनकी तस्वीर सोशल मीडिया पर वायल हो रही है. लोग इसे अपने-अपने नजरिए से देख रहे हैं और इसपर कमेंट कर रहे हैं. 

COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

सरकार में शामिल हुए दो मुस्लिम मिनिस्टर 
ऐनी अली का युवा मामलों की वज़ारत का ज़िम्मा सौंपा गया है. ऑस्ट्रेलिया की नई सराकर के 23 वज़ीरों ने बुधवार को ही शपथ ली है. ऑस्ट्रेलिया की इस नई वफ़ाक़ी सरकार मुल्क के इतिहास की सबसे विविध सरकार मानी जा रही है. इस सरकार में अक़लियतों के आलावा क़बाइली तबक़ों के नुमाइंदों को भी जगह दी गई है. ऐनी अली के अलावा एड हुसिक को भी वज़ीर बनाया गया है. एड हुसिक भी पहले मुस्लिम वज़ीर के तौर पर सरकार में शामिल हुए हैं

कौन हैं ऐनी अली ?
55 साल की ऐनी अली सियासत में आने से पहले प्रोफेसर और एजुकेशनिस्ट रह चुकी हैं. अपनी ज़िंदगी के शुरुआती दौर में उन्होंने कम से कम मेहनताने पर काम करते हुए अकेली मां के तौर पर अपने बच्चों की परवरिश की. हलफ़ लेने के बाद उन्होंने कहा कि “वज़ीर बनना कभी भी मेरे लाइफ़ प्लान का हिस्सा नहीं था.“ वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया से सांसद एनी अली पहले लेबर पार्टी में कारकुन के तौर पर जुड़ी थीं, फिर वो पार्टी की यूनियन की मेंबर बनीं और अब सांसद चुनकर वज़ीर बनी हैं.


अली पर्थ के बाहरी इलाक़े की कोवान की सीट से चुनीं गईं हैं. इस सीट का नाम ऑस्ट्रेलिया की पहली ख़ातून सांसद एडिथ कोवान के नाम पर हैं. एडिथ कोवान यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने वाली ऐनी सियासत में आने से पहले वो वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया एडमिनिस्ट्रेशन में कई अहम ओहदों पर रह चुकी हैं. मिस्र में पैदा हुई ऐनी अली जब दो साल की थीं तो उनका परिवार सिडनी शहर में आकर बस गया था. ऐनी के पिता टेक्सटाइल इंजीनियर थे, लेकिन उन्हे इस शोबे में नौकरी नहीं मिली और बस चला कर घर की गाड़ी चलाया करते थे.


Zee Salaam