America condemns Indian Student attacks: अमेरिका में भारतीय स्टूडेंट्स पर हमला थम नहीं रहा है. इस बीच व्हाइट हाउस ने बड़ा बयान दिया है. व्हाइट हाउस ने बयान जारी कर कहा, ''अमेरिकी सरकार रंग या लिंग के आधार पर होने वाली किसी भी प्रकार की हिंसा को स्वीकार नहीं कर सकती है. भारतीय और भारतीय मूल के स्टूडेंट्स पर हमलों को रोकने के लिए हर मुमकिन कोशिश जा रही हैं.''


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गौर करने वाली बात है कि भारतीय मूल के स्टूडेंट्स पर कई बार हमले हुए, जिस पर रोक लगाने के लिए अमेरिकी सरकार ने अब कठोर कदम उठाने का फैसला किया है. इस साल अमेरिका में हिंसा के शिकार हुए चार भारतीयों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. वहीं, व्हाइट हाउस ने मंगलवार को बयान जारी कर कहा, ''रंग, लिंग या मजहब के आधार पर होने वाली हिंसा को किसी भी कीमत पर एक्सेप्ट नहीं किया जा सकता है.


बाइडेन सरकार कर रही है ये काम
बाइडेन सरकार भारत और अमेरिका में रह रहे भारतीय माता-पिता के जेहन में अपने बच्चों को लेकर पैदा हुए भय को दूर करने की दिशा में कड़ी मेहनत कर रही है. सरकार ने प्रतिबद्धता जताई है कि इस हालात से निपटने के लिए कड़ी मेहनत की जा रही है. इसके साथ ही किर्बी ने एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, ''बाइडेन सरकार मौजूदा हालात को दुरूस्त करने और भारतीय मूल के स्टूडेंट्स पर हो रहे हमलों को रोकने के लिए पूरा खाका तैयार कर चुकी है, जिसे जमीन पर उतारा जाएगा.''


भारतीय मूल के पांच स्टूडेंट्स गवां चुके हैं जान
गौरतलब है कि इस साल की शुरुआत में हिंसा का शिकार होकर भारतीय मूल के पांच स्टूडेंट्स अपनी जान गंवा चुके हैं. वहीं, विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इस बात पर विशेष जोर दिया कि उनकी सरकार विदेश में रह रहे भारतीय स्टूडेंट्स की सुरक्षा को लेकर प्रतिबद्ध है. नवंबर 2023 की ओपन डोर्स रिपोर्ट के मुताबिक, यूएस में कुल स्टूडेंट्स में से 25 फीसद भारतीय मूल के स्टूडेंट हैं.


एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका जाकर हायर एजुकेशन लेने वाले भारतीय स्टूडेंट्स की संख्या में 35 फीसद की बढ़ोतरी देखने को मिली है. शैक्षणिक वर्ष 2022-23 में 2,68,923 छात्रों की अब तक की सबसे ज्यादा संख्या हुई. पिछले साल, भारत में अमेरिकी वाणिज्य दूतावास ने दुनिया के किसी भी दूसरे देश की तुलना में 140,000 से ज्यादा स्टूडेंट्स वीजा जारी किए और लगातार तीसरे साल एक रिकॉर्ड स्थापित किया.