Abu Dhabi News: क्षेत्रीय युवाओं के एक सर्वे में पता चला है कि अरब देख के युवा अमेरिका की तुलना में चीन को अपने देश से ज्यादा निकट सहयोगी के रूप में देखते है. सीएनएन की रिपार्ट के अनुसार चीन की तुलना में मित्र माने जाने वाले देशों में अमेरिका सातवें स्थान पर है. 


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इस सर्वे से पता चलता है कि पिछले कुछ वर्षों में चीन के लिए समर्थन धीरे-धीरे बढ़ा है, क्योंकि बीजिंग इस क्षेत्र में अपने पदचिन्ह का विस्तार कर रहा है. लेकिन उन्होंने यह भी खुलासा किया है  कि अरब के लोग चाहते हैं कि अमेरिका मध्य पूर्व में एक छोटी भूमिका निभाए. लेकिन कई लोगों का मानना है कि कि महीशक्ति सबसे प्रभावशाली अमेरिका बनी रहेगी. 


80 प्रतिशत उत्तरदाता चीन को अपने देश का सहयोगी मानते हैं. जबकि 72 प्रतिशत ने अमेरिका को सहयोगी माना है. इसके विपरित सर्वे के 2018 संस्करण में पाया गया है कि सहयोगी के रूप में देखे जाने वाले शीर्ष पांच देशों में अन्य अरब देशों का दबदबा है, 2015 के सर्वे में अमेरिका दूसरे स्थान पर था. लेकिन इस सर्वे में न तो चीन और ना ही अमेरिका शीर्ष पांच में शामिल था. 


सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार इस साल के सर्वे के 15वें संस्करण में 28 अरब देशों के 53 शहरों में 18 से 24 वर्ष की आयु के 3600 अरब लोगों के आमने-सामने साक्षात्कार शामिल किया था. जो क्षेत्र में बदलते राजनीतिक परिदृश्य से प्रेरित भावनाओं को दर्शाता है.


जबकि अमेरिका लगातार लोकप्रिय बना हुआ है. वही अन्य देश पिछले कुछ वर्षों में रैंकिंग में उससे आगे निकल गए हैं. इस वर्ष 82 प्रतिशत युवा अरबों ने तुर्की को अपना सहयोगी देश माना है. सर्वे में शामिल लोगों में से 61 प्रतिशत ने कहा कि वे मध्य पूर्व से अमेरिका की वापसी का समर्थन करते है. इसके लिए सबसे अधिक समर्थन उत्तरी अफ्रीका और लोवंत में दर्ज किया गया है.


जानकारी के लिए बता दें कि अरब देश, खासकर खाड़ी के देश इस क्षेत्र में अमेरिका की घटती दिलचस्पी से निराश हैं. और हाल के वर्षों में उन्होंने अपनी विदेशी नीति बनानी शूरू कर दिया है. सीएनएन की रिपोर्ट के अनुसार खाड़ी देश युक्रेन युध्द में पक्ष लेने से इनकार कर दिया है. और चीन के करीब आ गए हैं. इन देशों ने इस बात पर जोर देते हुए कि दुनिया बहुध्रुवीकरता की ओर बढ़ रही है. 


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