Charlie Hebdo: तुर्की में आए विनाशकारी भूकंप ने हजारों हजारों परिवारों को तबाह कर दिया. इसके अलावा सीरिया समेत 20 हजार के करीब लोगों की जान चली गई. इस वक्त तुर्की बेबस है. ऐसे में अन्य देशों ने तुर्की की मदद के लिए हाथ बढ़ाया है. इसमें भारत, पाकिस्तान, सऊदी अरब जैसे कई देश शामिल हैं लेकिन मुश्किल वक्त फ्रांस की तरफ से एक शर्मनाक हरकत की गई है. फ्रांस की पत्रिका शार्ली हेब्दो ने भूकंप के बाद मची तबाही और मरने वालों लोगों का एक कार्टून के ज़रिए मजाक उड़ा गया गया है. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

ये वही पत्रिका है जिसके दफ्तर 2015 में पैगंबर हजरत मोहम्मद साहब का विवादित कार्टून बनाने के विवाद के दौरान हमला हुआ था. शार्ली हेब्दो मे भूकंप के बाद 'ड्राइंग ऑफ द डे' के नाम से एक कार्टून छापा छापा है. यह कार्टून छापने के बाद पत्रिका को हर जगह से विरोध का सामना करना पड़ रहा है. यहां तक कि पत्रिका पर इस्लामोफोबिसा ग्रसित होना का आरोप लग गया है. इसके अलावा लोगों ने उनसकी इस हरकत को गैर इंसानी करार दिया है. 


उर्फी ने इस्लाम को लेकर कही बड़ी बात, यूजर बोला- आपकी रानी कंगना भी नहीं बचाने आएंगी


शाली हेब्दो के ज़रिए छापे गए कार्टून को देखते हैं तो उसमें कुछ गिरती हुई इमारत दिखाई गई हैं. साथ ही मलबे के ढेर पर लिखा गया, "तुर्की में भूकंप", इसके अलावा मज़ाक उड़ाते कार्टून के नीचे लिखा गया कि, "अब टैंक भेजने की जरूरत नहीं". बता दें कि तुर्की के अलगाववादी कुर्दों वालों इलाकों में टैंक भेजने और मोर्टार शेल से तबाही को लेकर कहा गया है कि अब इस इलाके में मोर्टार शेल या टैंक भेजने की जरूत नहीं, क्योंकि ये इलाका भूकंप से तबाह हो चुका है. बता दें कि तुर्की कुर्दों को अलगाववादी के तौर पर बड़ा खतरा मानता है और कुर्दों का इलाका इस भूकंप से ज्यादा प्रभावित है. 



शार्ली हेब्दो के ज़रिए की गई इस हरकत को दुनियाभर के लोगों ने शर्मनाक करार दिया है. कुछ लोगों ने इस कार्टून को हजारों लोगों की मौत का मज़ाक करार दिया है. इसके अलावा एक तुर्क एक्टर ने लिखा कि यह कोई मज़ाक है? तुम्हारे पास दिल नहीं है, इंसान होना कितना बड़ा गुण है. जो तुम में नहीं है. 


सोमनाथ मंदिर पर मौलवी ने दिया ऐसा ज्ञान कि पुलिस को दर्ज करना पड़ गया मुकदमा !


बता दें कि जब 2015 में शार्ली हेब्दो के हेडक्वॉर्टर पर हमला हुआ था तो दुनियाभर में इसकी निंदा हुई थी. यहां तक कि तुर्की ने इस हमले की निंदा की थी लेकिन तुर्की के मुश्किल वक्त में पत्रिका ने अपना 'असली रंग' दिखाया.


ZEE SALAAM LIVE TV