IMRAN KHAN: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को एक और झटका लगा है. तोशखाना मामले में 'झूठे बयान और गलत घोषणाएं' करने के लिए अयोग्य घोषित करने के बाद पाकिस्तान के चुनाव आयोग (ईसीपी) उन्हें उनकी राजनीतिक पार्टी, पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के अध्यक्ष पद से हटाने की तैयारी कर रहा है.


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13 दिसंबर को इमरान की पेशी
रिपोर्ट के मुताबिक, 13 दिसंबर को ईसीपी के सामने पेश होने के लिए इमरान खान को नोटिस देते हुए आयोग ने मामले में कार्यवाही शुरू करने का फैसला किया है.  ईसीपी का कहना है कि पूर्व पीएम अपने राजनीतिक दल के पद पर भी नहीं रह सकते हैं. इस ख़बर की तस्दीक इमरान का राजनीतिक पार्टी ने भी की है. जिस पर प्रतिक्रिया देते हुए पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ की ओर से कहा गया कि कानून किसी दोषी को राजनीतिक दल का पदाधिकारी बनने से नहीं रोकता है.


क्या है पीटीआई की दलील
पीटीआई (पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ) की कानूनी टीम के सदस्यों ने राजनीतिक दलों के आदेश (पीपीओ) 2002, की धारा 5 (1) का उल्लेख करते हुए कहा कि, प्रत्येक नागरिक को राजनीतिक दल बनाने, उसका सदस्य बनने या किसी अन्य राजनीतिक दल से जुड़े रहने का अधिकार होता है. बशर्ते कि किसी व्यक्ति को किसी राजनीतिक दल के पदाधिकारी के रूप में नियुक्त या सेवा नहीं दी जाएगी. यदि वह संविधान के अनुच्छेद 63 के तहत मजलिस-ए-शूरा (संसद) के सदस्य के रूप में चुने जाने के योग्य नहीं है तो. 


साल 2018 में सुनाया था फैसला
पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने साल 2018 में फैसला सुनाया था. कि पाकिस्तान के संविधान के आर्टिकल 62 और 63 के तहत अयोग्य घोषित किया गया कोई भी नागरिक राजनीतिक दल का नेतृत्व नहीं कर सकता है. रिपोर्ट के मुताबिक, ईसीपी के इस फैसले से अगले आम चुनावों के दौरान राजनीतिक दौड़ से बाहर करने के प्रमुख खतरों के साथ पीटीआई की कुर्सी पर कानूनी चुनौतियां बढ़ती दिख रही हैं. अब देखना अहम होगा कि इस मामले को लेकर इमरान ख़ान की पार्टी, पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ का क्या रुख रहेगा.