दोहाः कतर की राजधानी दोहा (Doha) में होने वाले फीफा विश्व कप के पहले आयोजक ने कहा है कि फुटबॉल टूर्नामेंट के लिए उपयोग किए जाने वाले आठ स्टेडियमों में शराब के साथ सभी तरह के बीयर की बिक्री पर पाबंदी (Ban on Wine ) लगी रहेगी. यह फैसला खेल शुरू होने के दो दिन पहले आया है. 
सूत्रों की माने तो शैम्पेन, शराब, व्हिस्की और दूसरे किस्म की शराब अभी भी स्टेडियमों के अंदर वीआईपी को परोसे जाने की उम्मीद है. उन जगहों के बाहर, बीयर आम तौर पर नियमित टिकट धारकों को बेची जाने वाली एकमात्र शराब होती थी, लेकिन उसपर अभी संकट के बादल मंडरा रहे हैं. हालांकि आयोजकों ने कहा है कि मैच के दौरान प्रशंसकों के लिए गैर-मादक बियर की बिक्री जारी रहेगी. 
आयोजकों के इस फैसले के बाद से फीमा वर्ल्ड कप में बीयर और शराब बेचने वाली कंपनियों के चहरे पर तनाव साफ झलकने लगा है. हालांकि कंपनी की तरफ से अभी इसपर कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. 

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फीफा की बोली में कतर ने किया था शराब की बिक्री पर करार 
एक इनबेव कंपनी फीफा के 1986 के टूर्नामेंट से ही शराब कंपनियां वर्ल्ड कप के निए बोली लगाकर शराब बेचने का अधिकार लेती रही हैं, लेकिन इस बार आयोजकों के इस फैसले से शराब कंपनियों का भारी नुकसान होने की संभावना है. एक इनबेव शराब कंपनी बीयर बेचने के विशेष अधिकारों के लिए हर एक विश्व कप में करोड़ों डॉलर का भुगतान करती है. कंपनी ने लाखों प्रशंसकों को अपना उत्पाद बेचने की उम्मीद में ब्रिटेन से अपना अधिकांश स्टॉक पहले ही कतर भेज चुकी है.  फीफा के साथ कंपनी की साझेदारी 1986 के टूर्नामेंट में शुरू हुई थी, और वे उत्तरी अमेरिका में अगले विश्व कप के लिए अपने करार के लिए बातचीत कर रही है. कतर के पहले ब्राजील में 2014 के विश्व कप में भी मेजबान देश को स्टेडियमों में शराब की बिक्री की इजाजत देने के लिए वहां के कानून में बदलाव करना पड़ा था. 

कट्टर इस्लामी मूल्यों को मानने वाला देश है कतर 
गौरतलब है कि कतर एक ऊर्जा-संपन्न अरब देश. यहां इस्लाम के अतिरूढ़िवादी रूप का पालन किया जाता है. यहां सार्वजनिक तौर पर शराब बेचने और पीने दोनों पर पाबंदी है, लेकिन होटल के बार में शराब की बिक्री की इजाजत है. इससे पहले भी आयोजकों ने कपड़ों को लेकर एक एडवाइजरी जारी की थी कि खिलाड़ी किस तरह के ड्रेस कोड का पालन करेंगे. फीफा के इस फैसले की लोग आलोचना कर रहे हैं. हालांकि बताया जा रहा है कि जब कतर ने विश्व कप की मेजबानी के लिए अपनी बोली शुरू की थी, उस वक्त  देश स्टेडियमों में शराब बेचने की फीफा की जरूरतों पर सहमत हो गया था. 


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