France News: फ्रांस के आंतरिक मंत्री गेराल्ड डर्मैनिन ने ऐलान किया कि एक ट्यूनीशियाई मुस्लिम धर्मगुरु जिनका नाम इमाम महजौब महजौबी है को फ्रांसीसी झंडे पर उनकी "अस्वीकार्य" टिप्पणियों की वजह से फ्रांस से निष्कासित कर दिया गया. मौलवी पर इल्जाम है कि उन्होंने फ्रांस के झंड़े को 'शैतानी' झंडा बताया था.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

इमाम को किया गया बाहर
आंतरिक मंत्री डार्मानिन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर लिखा कि "कट्टरपंथी इमाम महजौब महजौबी को उनकी गिरफ्तारी के 12 घंटे से भी कम वक्त में राष्ट्रीय क्षेत्र से निष्कासित कर दिया गया है. हम लोगों को किसी भी चीज से दूर नहीं जाने देंगे."


मौलवी ने किया बचाव
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक बैगनॉल्स-सुर-सीज़ में एटाउबा मस्जिद में सेवा करने वाले मुस्लिम मौलवी ने अपने बयानों का बचाव किया है. उन्होंने दावा किया है कि उन्हें गलत समझा गया और उन्होंने कहा कि उनका कभी भी फ्रांसीसी ध्वज का अनादर करने का इरादा नहीं था. उनके वकील ने फैसले के खिलाफ बहस करते हुए निष्कासन प्रक्रिया के खिलाफ अपील करने की योजना का ऐलान किया.


निष्कासन आदेश में क्या था?
रॉयटर्स के मुताबिक, फ्रांसीसी मीडिया ने निष्कासन आदेश के कुछ हिस्सों का खुलासा किया, जिसमें महजौबी पर "इस्लाम की शाब्दिक, पिछड़ी, असहिष्णु और हिंसक अवधारणा" को बढ़ावा देने का इल्जाम लगाया गया था.


उकसावे वाला था बयान
आदेश के मुताबिक, यह विचारधारा संभावित रूप से गणतंत्र के मूल्यों के विपरीत व्यवहार को उकसा सकती है, जिसमें महिलाओं के खिलाफ भेदभाव, पहचान में वापसी, यहूदी समुदाय के साथ तनाव और जिहादी कट्टरपंथ को बढ़ावा देना शामिल है. रॉयटर्स ने रेडियो नेटवर्क फ्रांस इन्फो के हवाले से बताया कि मुस्लिम मौलवी को गुरुवार शाम को ट्यूनिस की उड़ान पर रखा गया था.