23 पाकिस्तानी एनजीओ की करतूत का खुलासा, भारत के नाम पर अमेरिका में वसूला 158 करोड़ का फंड, की आतंकियों की मदद
रिपोर्ट के मुताबिक, मुहिम `हेल्प इंडिया ब्रीद` सोशल मीडिया पर 27 अप्रैल 2021 को शुरू किया गया था, जिसका मकसद करीब 1.8 करोड़ लोगों से चंदा हासिल करना था.
वाशिंगटन: अमेरिका में करीब 23 पाकिस्तानी निजी संगठनों (एनजीओ) की बड़ी कारस्तानी का पर्दा फाश हुआ है. यूरोप में प्रेपेगेंडा मुहिमों पर नज़र रखने वाले इदारे 'डिसइंफो लैब' ने 'कोविड-19 स्कैम 2021' के नाम से एक रिपोर्ट पब्लिश की है, जिसमें दावा किया गाया है कि करीब 23 पाकिस्तानी संगठनों ने कोरोना की दूसरी लहर के दौरान भारत की माली मदद के लिए मुहिम चालाई और इससे हासिल पैसों से आतंकवादी संगठनों की मदद की.
158 करोड़ रुपए आतंकियों को दिए गए
डिसइंफो लैब की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में ऑक्सीजन बोहरान के मद्देनज़र इन अभियानों को 'हेल्प इंडिया ब्रीद' नाम दिया गया. इन अभियानों की मदद से करीब 158 करोड़ रुपए जुटाए भी गए, लेकिन फिर इन पैसों से आतंकवादी संगठनों की मदद की गई.
'इंसानी तारीख का सबसे बड़ा घोटाला'
डिसइंफो लैब ने इसे अपनी रिपोर्ट में 'इंसानी तारीख का सबसे बड़ा घोटाला' करार दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की माली मदद के लिए मुहिम चालने वालों में एक संगठन है 'इमाना- इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन' जो अमेरिका के इलिनोइस में कार्यरत है. इसे 1967 में कायम किया गया था. फिलहाल डॉ. इस्माइल मेहर इमाना इस संगठन के सदर हैं और इन्हीं ने ही 'हेल्प इंडिया ब्रीद' का मंसूबा बनाया था.
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इमाना ने हर घंटे करीब 73 लाख रुपए जमा किए
रिपोर्ट के मुताबिक, मुहिम 'हेल्प इंडिया ब्रीद' सोशल मीडिया पर 27 अप्रैल 2021 को शुरू किया गया था, जिसका मकसद करीब 1.8 करोड़ लोगों से चंदा हासिल करना था. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि 'इमाना- इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन' का ना कोई दफ्तर है और ना ये कोई ब्रांड है, बल्कि भारत में भी इसका कोई दफ्तर मौजूद नहीं है. सोशल मीडिया पर मुहिम के दौरान इमाना हर घंटे करीब 73 लाख रुपए जमा किए.
भारत मेडिकल सामान भेजने के झूठे दावे किए गए
इमाना- इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन के सदर डॉ. इस्माइल मेहर ने इस हवाले से कई संदिग्ध दावे किए हैं. इस्माइल मेहर ने कहा है कि इमाना- इस्लामिक मेडिकल एसोसिएशन ने 5.60 करोड़ रुपए के मेडिकल सामान खरीदे और इन्हें भारत भेजने के लिए एयर इंडिया से समझौता भी किया. लेकिन इस्माइल मेहर ने अपने इस दावे पर कोई सबूत नहीं फराहम कर सके और ना कोई मेडिकल सामान इंडिया पहुंचा. यही सूरते हाल दूसरी संगठनों का भी है कि उन्होंने भारत सामान भेजने के दावे तो किए, लेकिन कोई सबूत नहीं पेश कर सके.
आतंकी संगठनों से है इंन तंज़ीमों का राब्ता, पाकिस्तानी सेना भी करती है मदद
डिसइंफो लैब ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया है कि इमाना और इस जैसी कई संगठनों के राब्ते दुनिया के कई बड़े आतंकी संगठनों से हैं, बल्कि ये संगठन हमास को फंड देते हैं. रिपोर्ट में कहा गया है कि हालिया दिनों अमेरिका में इंडिया की मदद के नाम पर कई तंज़ीम एक्टिव हैं और वे चंदा जुटा रहे हैं. इमाना और इस्लामिक सर्कल ऑफ नॉर्थ अमेरिका (आईसीएनए) भी इन्हीं में हैं, जिन्के राब्ते आतंवादी तंज़ीमों से रहे हैं. आईसीएनए फिलिस्तीनी आतंकी संगठन हमास को फंड मुहैय्या कराता रहा है. रिपोर्ट में ये भी कहा गया है कि इमाना और इस्लामिक सर्कल ऑफ नॉर्थ अमेरिका (आईसीएनए) जैसे संगठन चलाने के लिए पाकिस्तानी फौज के रिटायर्ड अफसर मदद फराहम करते रहते हैं और ये सारा काम पाकिस्तानी सेना की हिदायत के मुताबिक अंजाम पाता है.
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