Jaishankar in Iran: विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भारत के आसपास पोतों पर हमलों को अंतरराष्ट्रीय समुदाय के लिए "गंभीर चिंता" का विषय बताया है. उन्होंने सोमवार को कहा कि ऐसे खतरों का भारत की ऊर्जा जरूरतों और आर्थिक फायदों पर सीधा असर पड़ता है. जयशंकर ने ईरान के अपने समकक्ष हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान के साथ बातचीत के बाद एक संयुक्त प्रेस बयान में कहा, "हाल में हिंद महासागर के इस अहम हिस्से में समुद्री वाणिज्यिक यातायात की सुरक्षा के लिए खतरे काफी बढ़ रहे है." उन्होंने इजराइल-हमास संघर्ष के बीच ईरान समर्थित यमन के हूती विद्रोहियों की तरफ से लाल सागर में पोतों को निशाना बनाने के ताल्लुक से इस बात पर जोर दिया कि यह जरूरी है कि इस मुद्दे को जल्दी सुलझाया जाए.


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ईरान की अपनी दो दिवसीय यात्रा के हिस्से के रूप में, जयशंकर ने राष्ट्रपति इब्राहीम रायसी से मुलाकात की और प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की शुभकामनाएं दीं. जयशंकर ने दोनों देशों के बीच "संबंधों के आगे विकास" पर रायसी का मार्गदर्शन मांगा.


जयशंकर, जो बढ़ते पश्चिम एशियाई संघर्ष और लाल सागर में चुनौतीपूर्ण स्थितियों के बीच ईरान का दौरा कर रहे हैं, ने अपने ईरानी समकक्ष होसैन अमीराब्दुल्लाहियन, राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सचिव अली अकबर अहमदियान और सड़क और शहरी विकास मंत्री के साथ भी बैठकें कीं. 


पीएम मोदी और रायसी ने हाल ही में जोहान्सबर्ग में मुलाकात की और पत्रों और फोन के जरिए लगातार संपर्क में रहे. तेहरान में, जयशंकर ने "सभी रूपों और अभिव्यक्तियों में आतंकवाद के खिलाफ भारत की अडिग स्थिति" को दोहराते हुए, "गाजा में गहरी चिंताजनक स्थिति" के बारे में भी बात की. 


ईरानी विदेश मामलों के मंत्री के साथ एक संयुक्त प्रेस बयान में बोलते हुए, जयशंकर ने कहा, "हमने कुछ क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों और विकास पर दृष्टिकोण और आकलन का आदान-प्रदान किया. हम दोनों पश्चिम एशिया में हाल की घटनाओं को लेकर चिंतित हैं और हमने हिंसा और शत्रुता को और बढ़ने से रोकने के महत्व पर जोर दिया है."