इस्लामाबादः भारत में सांसद और विधायकों को हर साल अपनी संपत्ति का ब्योरा जमा करना होता है उनके पास चल और अचल संपत्ति कितनी है और पिछले एक साल में अगर कोई इजाफा हुआ है तो उसकी जानकारी चुनाव आयोग में जमा करनी होती है. ये व्यवस्था पड़ासी मुल्क पाकिस्तान में भी है. मंगलवार को इससे जुड़ी एक बड़ी खबर पाकिस्तान से आई है. पाकिस्तान के चुनाव आयोग ने अपनी पूंजी और देनदारी का ब्योरा जमा नहीं कराने पर पाकिस्तान के 271 सांसदों और विधायकों की सदस्यता सस्पेंड कर दी है. 

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16 जनवरी, 2023 तक जमा करनी थी जानकारी 
यह वित्तीय जानकारी हर साल 31 दिसंबर तक अनिवार्य तौर पर  दाखिल करते होते हैं, और पाकिस्तान के निर्वाचन आयोग (ईसीपी) ने सांसदों और विधायकों को 30 जून 2022 तक का अपना ब्योरा 16 जनवरी, 2023 तक जमा कराने का आदेश दिया था. साथ ही जन प्रतिनिधियों को चेतावनी दी गई थी कि वित्तीय जानकारी उपलब्ध नहीं करने वालों की सदस्यता सस्पेंड कर दी जाएगी.   चुनाव आयोग ने सोमवार को बताया कि नेशनल असेंबली के 136 सदस्यों और 21 सीनेटर और प्रांतीय असेंबली के 114 सदस्यों को निलंबित कर दिया गया है.  नेशनल असेम्बली के सदस्यों और सीनेटरों के अलावा सिंध प्रांतीय विधानसभा के 48, खैबर पख्तूनख्वा प्रांतीय विधानसभा के 54 और बलूचिस्तान प्रांतीय विधानसभा के 12 सदस्यों की सदस्यता सस्पेंड कर दी गई है. 

नेशनल असेंबली के 35 सदस्य भी हैं इसमें शामिल 
मंगलवार को ‘डॉन’ समाचार पत्र ने एक रिपोर्ट प्रकाशित किया है, जिसमें बताया गया है कि पिछले साल नेशनल असेंबली के 35 सदस्यों और तीन सीनेटरों ने 16 जनवरी की मियाद खत्म होने के बाद भी अपनी संपत्ति का ब्योरा जमा नहीं किया था, जबकि इस साल तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के नेताओं के इस्तीफा देने की वजह से यह तादाद पिछले साल के मुकाबले कुछ ज्यादा हो गई है. आयोग द्वारा जारी लिस्ट के मुताबिक, निलंबित सदस्यों में पंजाब प्रांतीय विधानसभा का कोई सदस्य नहीं है, क्योंकि प्रांतीय विधानसभा को पहले ही भंग किया जा चुका है. 


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