Alwar News: सर्दी की छुट्टियों में सिर पर तागरी उठाए रहे सरकारी स्कूल के टीचर्स, 6 कमरों के स्कूल की बना डाली छत और दीवार
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Alwar News: सर्दी की छुट्टियों में सिर पर तागरी उठाए रहे सरकारी स्कूल के टीचर्स, 6 कमरों के स्कूल की बना डाली छत और दीवार

Alwar News: राजस्थान के अलवर जिले के अंदर थानागाड़ी तहसील में गुवाड़ा जनावत राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय है, जिसमें आधा दर्जन शिक्षक नियुक्त हैं. इस विद्यालय की दीवार ,कमरे, छत टूटी हुई हैं. परेशान हुए शिक्षकों ने शीतकालीन अवकाश के दिनों में अपने घर पर नहीं रहते हुए, विद्यालय की मरम्मत करने की योजना बनाई.

Alwar News: सर्दी की छुट्टियों में सिर पर तागरी उठाए रहे सरकारी स्कूल के टीचर्स, 6 कमरों के स्कूल की बना डाली छत और दीवार
Alwar News: राजस्थान के अलवर जिले के अंदर थानागाड़ी तहसील में गुवाड़ा जनावत राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय है, जिसमें आधा दर्जन शिक्षक नियुक्त हैं. इस विद्यालय की दीवार ,कमरे, छत टूटी हुई हैं. परेशान हुए शिक्षकों ने शीतकालीन अवकाश के दिनों में अपने घर पर नहीं रहते हुए, विद्यालय की मरम्मत करने की योजना बनाई.

इसमें प्रधानाध्यापक रामनाथ मीणा ने अपने स्कूल के समस्त कर्मचारियों के साथ सलाह करने के बाद गांव के भामाशाहों की मीटिंग की, जिसके अंदर शिक्षक एवं ग्रामीणों ने मिलकर के विद्यालय का जीर्णोद्धार करने की ठानी एवं शीतकालीन अवकाश के दौरान कार्य करने का काम शुरू किया. इस मुहिम पर गांव के ग्रामीण भामाशाह सहित प्रधानाचार्य रामनाथ मीणा खुद कारीगरी का कार्य कर रहे हैं . अन्य शिक्षक हैं जो ग्रामीणों के साथ मिलकर चुना ,मसाला ,पत्थर पकड़ने का कार्य कर रहे हैं. 
 

इसमें ,भानु लाईट डेकोरेशन अजबगढ़, रामनाथ मीना ,पवन कुमार, प्रकाश चंद ,रामकिशन मीना, बबीता मीना ,पतासी देवी पोषाहार, एस एम सी अध्यक्ष प्यारे लाल शर्मा सहित अनेक भामाशाहों ने विद्यालय निर्माण में सहयोग किया. ग्रामीण और विद्यालय स्टाफ के सहयोग से आर्थिक सहयोग एकत्रित करने के पश्चात विद्यालय का जीर्णोद्धार किया गया है. शीतकालीन अवकाश का हमने यह लाभ उठाया है. अगर सभी शिक्षक इस तरह अपने विद्यालय के बारे में सोचें तो वह खुद आत्मनिर्भर होकर अपने विद्यालय का विकास कर सकते हैं.
 

गांव के विद्यालय के अंदर अच्छा कार्य चल रहा है. समय-समय पर हम इसका निरीक्षण करते हैं और शिक्षकों का सहयोग करते रहते हैं. इन शिक्षकों के सहयोग को लेकर के गांव की ग्रामीणों ने बताया कि शीतकालीन अवकाश के दिनों के अंदर अधिकांश शिक्षक शेर सपाटे करने के लिए बाहर चले जाते हैं. परंतु इन शिक्षकों के द्वारा विद्यालय का विकास किया गया जो सराहनीय है.
 

प्रधानाचार्य रामनाथ मीणा ने बताया जुलाई, अगस्त में बारिश के मौसम में सभी स्टाफ साथियों से चर्चा कर तय किया कि वर्ष 2025 में बच्चों को परेशान नहीं होने देंगे. इसके लिए हमने विद्यालय विकास समिति अध्यक्ष प्यारेलाल के साथ सभी सदस्यों व ग्राम के वरिष्ठ-प्रबुद्ध जनों, भामाशाहों से सहयोग लिया और वर्ष 2025 की पहली तारीख को ही स्टाफ साथियों व ग्रामीणों के आपसी सहयोग से विद्यालय के कमरों की छतों का मरम्मत कार्य शुरू कर दिया है. 5 जनवरी तक सभी कमरों की छतों की मरमत के साथ गेट और बाहरी रंग रोगन कर दी गई हैं. अन्य मरम्मत का कार्य किया जा रहा हैं.
 
प्रधानाध्यापक रामनाथ मीना ने बताया कि विद्यालय में 8 कक्षाओं, प्रधानाध्यापक कक्ष, स्टाफ रूम सहित सभी 10 कमरे है. इनकी सभी की छतें बारिश के मौसम में टपकने लगते है, जिनसे बच्चों को भारी परेशानी होती हैं. बच्चों के कपड़े, स्कूल बैग व किताब, कॉपियां भीग जाते हैं. उनकी पढ़ाई में व्यवधान होता हैं. मजबूरन छुट्टी करनी पड़ती है. ऐसा तीन-चार साल से चल रहा है. बारिश के मौसम में विभागीय अधिकारियों, सरपंच, विधायक व जनप्रतिनिधियों को अवगत कराया गया. लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ.

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