Pakistan: नक़दी की परेशानी का सामना कर रहे पाकिस्तान को लेकर अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (International Monetary Fund) ने फिक्र ज़ाहिर की है. इस मामले में आईएमएफ़ के अफसरों ने कहा है कि पाकिस्तान की अपोज़िशन पार्टियां शहबाज़ शरीफ़ सरकार के मुश्किल आर्थिक फैसलों को लागू करने के रास्ते में रुकावट पैदा कर सकती हैं. यह बात तब वक़्त सामने आई है, जब आईएमएफ के अफ़सरान ने 31 जनवरी को वित्त मंत्री इस्हाक़ डार से मुलाक़ात की. दरअसल अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की टीम वित्तीय बोहरान से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए बेलआउट पैकेज प्रोग्राम को लेकर पाकिस्तान पहुंची है.


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सख़्त फैसलों को लागू किया जाएगा: डार
पाकिस्तान के फाइनेंस मिनिस्टर इस्हाक़ डार ने कहा है कि उनकी सरकार सियासी चर्चा पर भरोसा करती है और आईएमएफ की शर्तों के तहत सख़्त फैसलों को लागू किया जाएगा, इसलिए फिक्र की कोई बात नहीं है. वहीं ज़राए के हवाले से रिपोर्ट में कहा गया है कि वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार एडिशनल टेक्स को इस तरह से लागू करने की कोशिश करेगी, जिससे किसी भी तरह की कानूनी और सियासी चैलेंजिस से बचा जा सके. ज़राए का कहना है कि पाकिस्तान सरकार प्रेसिडेंट के अध्यादेश को लागू करने का मंसूबा बना रही थी, लेकिन अगर आईएमएफ की फिक्र बरक़रार रहती है, तो वह संसद का एक अधिनियम पेश कर सकती है.


पाक-आईएमएफ़ के बीच चर्चा 
रिपोर्ट में कहा गया है कि नए टेक्स को लागू करने में पार्लियामेंट को कम से कम 14 दिन लगेंगे. वार्ता के दौरान, डार ने आईएमएफ टीम को आश्वासन दिया कि पाकिस्तान जल्द ही गैस क्षेत्र के परिपत्र ऋण को आधा करके लगभग 700 अरब रुपये तक कम करने की योजना तैयार करेगा. बता दें कि पाकिस्तान सरकार के साथ अपनी महत्वपूर्ण वार्ता से पहले, आईएमएफ ने अपने प्रारंभिक आकंलन में 2022-23 के लिए बजट के अनुमानों में 2,000 अरब रुपये से अधिक का उल्लंघन पाया था.पाकिस्तान और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के अधिकारी विस्तारित निधि सुविधा के तहत नौवीं समीक्षा को पूरा करने के लिए मंगलवार को पाकिस्तान पहुंचे. इस दौरान बजट की कमी और आंकड़ों का मिलान करने समेत अहम विषयों पर चर्चा हुई.


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