पाकिस्तान में चरमपंथ इस क़दर हावी है कि, अल्पसंख्यकों का जीना दूभर हो गया है. अक़िल्यती तबक़े के लोगों को, ना तो जीते जी सुकून है और ना ही मरने के बाद. हिंदुस्तान के अंदरुनी मामलों में दख़लअंदाज़ी करने वाला और बात-बात पर भारत के मुसलमानों को दोयम दर्जे का बताने वाला पाकिस्तान, अपने यहां धार्मिक चरमपंथियों का शिकार हो रखा है. जिससे लगता है कि, पाकिस्तान की शहबाज़ शरीफ़ सरकार ने इन चरमपंथियों के आगे घुटने टेक दिए है. और पाकिस्तान के पंजाब सूबे से आई ख़बर ने इस पर मुहर भी लगा दी है. न्यूज़ एजेंसी के मुताबिक़ पाकिस्तान के पंजाब सूबे में धार्मिक चरमपंथियों ने अहमदियों की कई कब्रों को कथित तौर पर अपवित्र कर दिया.
 
चरमपंथियों ने क़ब्रों पर लिखा 'अहमदी डॉग' 
मंगलवार को अल्पसंख्यक समुदाय के प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि, लाहौर से करीब 100 किलोमीटर दूर हाफ़िज़ाबाद जिले में प्रेम कोट क़ब्रिस्तान में क़ब्रों के पत्थरों को तोड़ दिया गया. 'जमात अहमदिया पाकिस्तान' के अधिकारी आमिर महमूद ने न्यूज़ एजेंसी से कहा कि, कब्रिस्तान में कब्रों की बेहुरमती की गई है. उन्होंने कहा कि कब्रों को तहस-नहस करने वाले लोगों ने उन पर 'अहमदी डॉग' भी लिखा. जो परिवारों के लिए बेहद तकलीफदेह है.


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पंजाब सूबे में भी 16 कब्रों को नापाक कर चुके हैं कट्टरपंथी  
दरअसल इससे पहले भी पंजाब में अहमदी तबक़े के बाक़ी कब्रिस्तानों में भी ऐसे वाक्यात पेश आए हैं. लेकिन एक भी मुजरिम को गिरफ्तार नहीं किया गया. और ना ही उन पर मुकदमा चलाया गया. इस साल की बात है, जब अगस्त में पाकिस्तान के पंजाब सूबे में अहमदी तबक़े की 16 कब्रों को धार्मिक कट्टरपंथियों ने कथित तौर पर नापाक कर दिया था. 'जमात अहमदिया पाकिस्तान' के अधिकारी आमिर महमूद ने बेहद अफसोस के साथ कहा कि, 'पाकिस्तान में रह रहे अहमदी मरने के बाद भी सुकून में नहीं हैं' फिलहाल महमूद ने अक़िल्यती तबक़े की कब्रों की बेहुरमती करने वाले लोगों को गिरफ्तार करने की मांग की है.  


1974 में पाकिस्तानी संसद ने अहमदी तबके़ को गैर-मुस्लिम घोषित किया 
दरअसल पाकिस्तान में अल्पसंख्यक, ख़ासतौर से अहमदी बेहद कमज़ोर हैं. और मज़हबी चरमपंथी उन्हें अक्सर निशाना बनाते रहते हैं. यहां पर आपके लिए ये जानना भी ज़रुरी है कि, पाकिस्तानी संसद ने 1974 में अहमदी तबके़ को गैर-मुस्लिम घोषित कर दिया था. और फिर एक दहाई के बाद उन्हें अपने आप को मुस्लिम कहने पर भी बैन लगा दिया था. जिसकी वजह से उन्हे हज के मुकद्दस सफ़र पर सऊदी अरब जाने से भी रोक दिया गया था.


 

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