इटली के कैलाब्रिया कोस्ट के पास शरणार्थियों को ले जा रही एक नामव डूब गई. इस हादसे में 59 शर्णार्थियों की मौत हो गई जिमसें पाकस्तान, अफगानिस्तान और इराक के शामिल हैं. मरने वालों में 28 पाकिस्तानी शरणार्थी हैं. हादसे के बाद बचाव काम शुरु किया गया जिसमें 28 शवों को निकाला गया है. 


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बताया है जाता है कि नाव पर तकरीबन 200 शरणार्थी सवार थे. ये सभी गौरकानूनी तरीके से यूरोप जा रहे थे. बचाव काम में 80 शर्णार्थियों को बचा लिया गया है. चूंकि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और तुर्किये के हालात खराब हैं. ऐसे में यहां के शरणार्थी इटली आ रहे थे. लेकिन खराब मौसम की वजह से ये नाव किसी चट्टान से टकराई और दो हिस्सों में टूट गई. हालांकि इटली की मीडिया के मुताबिक नाव ओवरलोड की वजह से डूबी. एजीआई न्यूज एजेंसी के मुताबिक हादसे में एक  नवजात शिशु भी मारा गया है. 


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जानकाकारी के मुताबिक समुद्री रास्ते से यूरोप में इंटर करने के लिए इटली ही एक देश है. नाव के जरिए इटली में हर साल 1 लाख से ज्यादा शरणार्थी आते हैं. यह दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में से एक हैं. इस रास्ते को मेडिटेरियन रूट के नाम से जाना जाता है. कुछ रिपोर्टों में बताया जाता है कि साल 2014 के बाद इस रूट पर 20 हजार से ज्यादा लोगों की या तो मौत हो गई है या वह लापता हो गए हैं. 


हादसे पर इटली के प्रधान मंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने इटली की धरती पर प्रवासियों को नहीं आने देने के लिए प्रचार किया और सत्ता हासिल की है. उन्होंने कहा कि  "सरकार (प्रवासी नाव) प्रस्थान को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है और उनके साथ, इसप्रकार की त्रासदी भी," 


इटली की राष्ट्रपति सर्जियो मटेरेला ने कहा "इन प्रवासियों की एक बड़ी संख्या अफगानिस्तान और ईरान से आई थी, जो बहुत बुरे हालात में भाग रहे थे." उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से "इन प्रवासन के कारणों- युद्ध, उत्पीड़न, आतंकवाद, गरीबी को मिटाने के लिए एक मजबूत प्रतिबद्धता बनाने" का आग्रह किया.


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