सिंगापुर की एक सुपर मार्केट ने भारतीय मूल के मुस्लिम जोड़े को रमजान में इफ्तारी खाने से यह कहते हुए मना कर दिया कि यह सिर्फ मलेशिया के लोगों के लिए है. सुपर मार्केट ने अपने किए पर माफी मांग ली है. चैनल न्यूज एशिया की खबर के मुताबिक जहाबर शालिह और उनकी बीवी फराह नादिया को 'नेशनल ट्रेड यूनियन कॉग्रेस (NTUC)' में काम कर रहे एक शख्स ने 9 अप्रैल को सुपरमार्केट में लगे इफ्तार स्टैंड से भगा दिया. वह दोनों अपने बच्चों के साथ सुपर मार्केट में रोज मर्रा की खरीदारी करने गए थे. 


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जहाबर भारतीय हैं. वहीं उनकी वाइफ फराह भारतीय मूल की मलेशियन हैं. फराह ने इस वाकिए के बारे में रविवार को फेसबुक पर लिखा. उन्होंने इस तजुर्बे को कड़वा बताया. जहाबर ने न्यूज चैनल को बताया कि सोमवार को उन्होंने सुपरमार्केट जाकर 'इफ्तार बाइट स्टेशन' के बारे में जानने की कोशिश की. हालांकि उनकी बीवी ने वहां जाने से रोका. 


फेयरप्राइस ग्रुप ने 23 मार्च को अपना इफ्तार बाइट स्टेशन शुरू किया, जिसमें महीने भर चलने वाले रमजान के दौरान मुस्लिम ग्राहकों को खजूर के साथ पेय पदार्थ देने की पेशकश की. 


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इस स्टेशन पर खरीददारी के दौरान मुस्लिम कस्टमर को इफ्तार से आधा घंटा पहले रोजा खोलने के लिए कुछ खाने-पीने को दिया जा रहा था. सुपरमार्केट में तमाम कस्टमर्स को ये बताया गया कि मुस्लिम खरीददार इससे अपना रोजा खोल सकते हैं.


जोहाबर ने बताया कि "मैं उस स्टाल के पास पढ़ने के लिए गया था कि उन्होंने क्या पहल शुरू की है. अगर उन्होंने ऐसा कुछ किया है तो यह बहुत अच्छा है. इतने में वहां मौजूद स्टॉफ ने कहा कि ये भारतीयों के लिए नहीं है." इस पर जोहाबर ने हैरानी जताई.


जोहाबर ने उस कर्मचारी से साफतौर पूछने की कोशिश की कि उसका क्या मतलब है, तो उसने जवाब दिया कि "भारतीय इसे नहीं ले सकते."


इस मामले में सुपरमार्केट ने अपना स्टेटमेंट जारी करते हुए कहा कि "हमने इस मामले को संज्ञान में लिया है. हम इसके लिए माफी मांगते हैं. हमने इस बारे में अपने कर्मचारी को समझाया है. हम यह बताना चाहते हैं कि इफ्तार पैकेट पूरे रमजान भर सभी के लिए मुफ्त है."


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