पाकिस्तान में सरकार के खिलाफ बोलना है `हेट स्पीच`; पत्रकारों के मुंह पर लगा ताला
पाकिस्तान की पुलिस ने कहा है कि पत्रकार रियाज खान आम जनता और राज्य संस्थानों के बीच दरार पैदा करने के मकसद से हिंसक और उकसाने वाला ब्यान देने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया है.
इस्लामाबादः पाकिस्तान एक तरफ जहां गभीर आर्थिक संकट झेल रहा है, वहीं सरकार की आलोचना करने वाले नागरिकों, नेताओं और पत्रकारों को निशाना बना रहा है. उन्हें गिरफ्तार कर जेल में बंद कर रहा है. पाकिस्तान की संघीय जांच एजेंसी ने नफरत भाषण देने के इल्जाम में वर्तमान सरकार के आलोचक समाचार एंकर इमरान रियाज खान को गिरफ्तार कर लिया है.
सरकार ने कहा है कि रियाज को लाहौर में आम जनता और राज्य संस्थानों के बीच दरार पैदा करने के मकसद से हिंसक और उकसाने वाले ब्यान देने के इल्जाम में गिरफ्तार किया गया है. इससे पहले रियाज के वकील मियां अली अशफाक ने डॉन अखबार को बताया कि उनके मुवक्किल को एफआईए की साइबर क्राइम विंग ने अल्लामा इकबाल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से हिरासत में ले लिया है. वकील ने कहा है कि पत्रकार की अवैध गिरफ्तारी को अदालत में चुनौती दी जाएगी.
घृणास्पद भाषण देने का लगाया है इल्जमा
प्रिवेंशन ऑफ इलेक्ट्रॉनिक क्राइम एक्ट 2016 की के तहफ पत्रकार के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज की गई है. प्राथमिकी के मुताबिक, रियाज खान को एक सम्मेलन में सार्वजनिक रूप से घृणास्पद भाषण देने में शामिल पाया गया था. शिकायत में आगे कहा गया है कि भाषण को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर सार्वजनिक रूप से साझा किया गया था. इससे पहले, पिछले साल जुलाई में इमरान रियाज खान को उनके खिलाफ दर्ज देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था. इससे पहले भी रियाज खान के खिलाफ देशद्रोह के कई मामले दर्ज हैं.
सेना पर लगाया था मानवाधिकारां के उल्लंघन का इल्जाम
डॉन के मुताबिक, लाहौर के एक स्थानीय निवासी मुहम्मद आसिफ द्वारा खान के खिलाफ दायर नई प्राथमिकी में इल्जाम लगाया गया है कि रियाज ने सेना पर मानवाधिकारों का उल्लंघन करने और राजनीति में लिप्त होकर राज्य को नुकसान पहुंचाने का इल्जाम लगाया है. आसिफ ने आगे कहा कि खान ने सेना पर इल्जाम लगाया था और कहा था कि उन्होंने पाकिस्तान की एकता और अखंडता को खतरे में डाल दिया है. शिकायती ने कहा है कि हाल ही में, सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान ने पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच रक्षा सहयोग में महत्वपूर्ण योगदान करने के लिए सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा को किंग अब्दुला अज़ीज़ पदक से सम्मानित किया था.
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