नैंसी बोली `उक्सावे के लिए नहीं है ताईवान की यात्रा`, जानें क्या है चीन-ताइवान विवाद?
चीन-ताइवान के विवाद के बीच अमेरिका की हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान की यात्रा पर पहुंची हैं. आरोप है कि नैंसी की यह यात्रा उकसावे वाली है लेकिन उन्होंने इसका बचाव किया है.
वाशिंगटन: चीन की सेना के साथ बढ़ते तनाव के बीच अमेरिका की हाउस स्पीकर नैंसी पेलोसी ताइवान पहुंची हैं. उन्होंने स्व-शासित द्वीप की अपनी विवादास्पद यात्रा का बचाव किया है. उन्होंने साफ किय कि अमेरिकी नेता निरंकुश ताकतों के आगे कभी हार नहीं मानेंगे. नैंसी ने कहा कि वास्तव में, हम यह यात्रा ऐसे समय में कर रहे हैं जब दुनिया निरंकुशता और लोकतंत्र के बीच एक विकल्प का सामना कर रही है.
यह देखते हुए कि पेलोसी की यात्रा अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए एक गंभीर राजनयिक सिरदर्द पैदा कर रही है, विवादास्पद यात्रा के पीछे की मंशा के बारे में बहुत सी अटकलें लगाई गई हैं. गार्जियन में छपे अपने ऑप-एड में पेलोसी ने चीन की हालत के खिलाफ एक सख्त बयान दिया और चीन के उन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया कि यह यात्रा उकसावे के लिए की जा रही है.
नैंसी पेलोसी ने बुधवार को ताइवान की राष्ट्रपति त्सी-इंग-वेन से मुलाकात की है. इस दौरान उन्होंने कहा कि अमेरिका हर स्तर पर ताइवान का साथ देगा. नैंसी ने कहा है कि "ताइवान बढ़ता हुआ लोकतंत्र है. ताइवान ने दुनिया के सामने साबित किया है कि आशा, निडरता और दृढ़ संकल्प होने से चुनौतियों के बावजूद शांतिपूर्ण और बेहतर भविष्य बनाया जा सकता है."
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क्या है चीन और ताइवान का विवाद?
दरअसल ताइवान चीन से 100 मील की दूरी पर मौजूद एक द्वीप है. ताइवान खुद को एक संप्रभु राष्ट्र मानता है. इसका अलग संविधान भी है. यहां चुनी हुई सरकार है. लेकिन चीन की सरकार ताइवान को अपना हिस्सा बताती है. चीन फिर से इसे अपने नियंत्रण में लेना चाहता है. चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ताइवान और चीन के दोबारा एकीकरण की वकालत करते हैं. जानकार बताते हैं कि ताइवान चीन का ही हिस्सा था. इस बीच नैंसी पेलोसी का ताइवान पहुंचना और लोकतंत्र की हिमायत करना चीन को अखर रहा है.
कौन हैं नैंसी पेलोसी?
नैंसी पेलोसी फिलहालअमेरिकी प्रतिनिधिसभा की स्पीकर हैं. वह 26 मार्च 1940 को पैदा हुईं. उन्होंने अपनी पढ़ाई बाल्टीमोर के लिटिल इटली से पढ़ाई की है. उनके पिता जाने माने राजनीतिज्ञ हैं. जब वह वाशिंगटन में पढ़ रही थीं तो उनकी मुलाकात पॉप पेलोसी से हुई और फिर उन्हीं से शादी हो गई. पेलोसी शुरू से ही डेमोक्रेट रही हैं. साल 1987 में पहली बार इसी पार्टी से कैलिफोर्निया से सांसद बनीं. वह पहली अमेरिकी महिला हैं जो निचले सदन में स्पीकर के पद पर काबिज हुई हैं.
(इंपुट आईएएनएस से)
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