Saturn Mars Conjunction: इस भाव में शनि-मंगल साथ होने से नहीं मिलता भाग्य का साथ, विदेश यात्रा के बनते हैं योग
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Saturn Mars Conjunction: इस भाव में शनि-मंगल साथ होने से नहीं मिलता भाग्य का साथ, विदेश यात्रा के बनते हैं योग

Saturn Mars Conjunction in Different Houses: कुंडली में विभिन्न ग्रहों के उच्च और नीच स्थान में होने पर अलग-अलग तरह के परिणाम प्राप्त होते हैं. वैदिक ज्योतिष में बड़े ग्रह माने जाने वाले शनि और मंगल की बात करें तो कुंडली में दोनों के एक साथ किस स्थान पर होने पर लोगों को विदेश यात्रा का लाभ मिलता है. 

शनि-मंगल युति

Mars and Saturn Astrology: कुंडली में ग्रहों का एक साथ होना कई शुभ और अशुभ सूचनाओं का प्रतीक होता है. वैसे जरूरी नहीं है कि एक स्थान पर कई ग्रह हो तो उनका प्रभाव नकारात्मक ही हो. सभी ग्रह भिन्न-भिन्न प्रकार से अपना प्रभाव छोड़ते हैं, जो कि व्यक्ति में प्रत्यक्ष रूप से नजर आता है. आज ऐसे ही दो ग्रह के विषय में बात करेंगे, जिनकी युति से व्यक्ति के व्यक्तित्व में क्या परिवर्तन आता है या उनका जीवन कैसा होता है, इसके बारे में जानेंगे.

नवम स्थान

नवम स्थान में मंगल शनि की युति होने पर भाग्य में रुकावट रहती है. मेहनत के अनुसार भाग्य का साथ प्राप्त नहीं होता है. अनावश्यक चिंताओं से यदि आप बचे रहेंगे, तो यह आपके लिए अच्छा होगा. भाग्य को चमकाने के लिए दिन रात मेहनत करनी होगी. जैसे शनि सेवा को महत्व देते हैं तो आपको भी दूसरों के प्रति सेवा भाव रखना होगा. हनुमान जी की उपासना सदैव आपके लिए लाभकारी सिद्ध होगी. जिन लोगों ने विदेश यात्रा का प्लान बनाया है, उन्हें अवश्य सफलता मिलेगी. कमर से संबंधित रोगों को लेकर अलर्ट रहें.

दशम स्थान

जिन लोगों की कुंडली के दशम स्थान में शनि और मंगल की युति हो जाए तो चतुर्थ श्रेणी (जरूरतमंद) के लोगों की आर्थिक मदद करें. ऐसे लोगों को सदैव ऊर्जावान रहना चाहिए. आजीविका के क्षेत्र में विवादों से दूर रहें, नहीं तो मान-सम्मान पर डेंट लग सकता है. नौकरी संबंधित मामलों में प्रमोशन पाने के लिए दूसरों से अधिक मेहनत करनी होगी. युवाओं को करियर संबंधित मामले में उच्च सलाहकार से (पिता-गुरु) मार्गदर्शन लेना चाहिए. ऐसे लोगों का करियर इंजीनियर शोधपरक कार्यों से जुड़ा होता है. परिवार में पिता को स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं अधिक रहती हैं.

ग्यारहवें स्थान

कुंडली के ग्यारहवें स्थान में यदि शनि और मंगल एक साथ है तो आपको सदैव धन संबंधित प्लानिंग करके रखनी चाहिए. अनावश्यक रूप से खर्च पर रोक लगाकर रखना है तो वहीं आय की तुलना में खर्च कम करना चाहिए. जिन लोगों के बड़े भाई हैं, उन्हें सलाह है कि उनके स्वास्थ्य संबंधित मामलों को लेकर सदैव अलर्ट रहें. आपसी वाद-विवाद और मनमुटाव को हवा न दे, नहीं तो रिश्तो में दूरियां आते देर नहीं लगेगी. व्यापारिक मामलों में सदैव धैर्य के साथ निर्णय लेना चाहिए. जल्दबाजी में निवेश किया तो बड़े लॉस उठाने पड़ जाएंगे. संतान सुख में कमी रहेगी.

बारहवें स्थान

शनि और मंगल एक साथ बारहवें स्थान में बैठे हैं तो सदैव अलर्ट रहना है. धोखाधड़ी आदि से कमाया गया धन इनके लिए रोग का कारण बनेगा. दान-पुण्य करना और छोटे बच्चों को प्रसन्न रखने से पुण्य प्रताप बढ़ेंगे. विवादित मामलों और कोर्ट-कचहरी से संबंधित चीजों में हमेशा दूरी बनाकर रखें. खर्चों को प्लान कर लें. आवश्यकता से अधिक खर्च और लोन परेशानियों को बढ़ाएगा. माता-पिता को तीर्थ यात्रा कराने का मौका मिले तो हाथ से जाने नहीं देना चाहिए. आजीविका, पैतृक संपत्ति में कानूनी रूप से न फंसें. सेहत को लेकर लापरवाही से बचें. आंख और पैरों के रोगों को अनदेखा न करें. 

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