Saturn and Mars: कुंडली में इस भाव में बन जाए शनि-मंगल की युति, इंसान घर बैठकर भोगता है हर सुख!
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Saturn and Mars: कुंडली में इस भाव में बन जाए शनि-मंगल की युति, इंसान घर बैठकर भोगता है हर सुख!

Saturn and Mars Relationship: कुंडली में कई ग्रहों का कॉन्बिनेशन अलग-अलग प्रभावों को दर्शाता है, लेकिन शनि और मंगल इन भावों में बैठकर किस तरह प्रभाव डालते हैं, यह जानते हैं. 

 

SHANI MANGAL YUTI

Mars-Saturn Conjunction in Birth Chart: किसी भी जातक की कुंडली में ग्रहों की स्थिति बहुत मायने रखती है. इनके आधार पर ही इंसान का भविष्य तय होता है. कई ग्रह मानव जीवन पर गहरा असर छोड़ते हैं. ये अगर कुंडली में मजबूत स्थिति में होते हैं तो इंसान को सभी तरह की सुख-सुविधा मिलती है. इन लोगों को जीवन में किसी भी तरह की कमी का सामना नहीं करना पड़ता है. वहीं, इन ग्रहों के नीच स्थिति में होने पर इंसान जीवन भर दुख झेलता है. आज के लेख में कुंडली में मंगल और शनि की युति के बारे में बताएंगे.

पांचवा स्थान

जिन लोगों की कुंडली के पांचवे स्थान में दो ग्रह शनि और मंगल की युति बन जाए, उन्हें प्रखर बुद्धि का माना जाता है. निर्णयों में यह जल्दबाजी नहीं करते और सोच-समझकर सही चुनाव करते हैं. अच्छी शिक्षा के योग बनते हैं. यह दो बड़े ग्रह और मजबूत हो जाए तो पढ़ाई में अव्वल दर्जे तक ले जाते हैं. प्लानिंग और प्रोग्रामिंग के क्षेत्र में बहुत ही अच्छे होते हैं. कुछ नकारात्मक पहलुओं का भी सामना करना पड़ता है. जैसे यदि यह कुंडली किसी महिला की है तो उसे संतान संबंधी समस्याओं का सामना करना पडेगा है. पेट में दिक्कतें अधिक रहती है. जैसे खाना न पचना, गैस आदि.

छठा स्थान

शनि-मंगल की युति छठे भाव में हो जाए तो व्यक्ति का दूसरों के साथ वाद-विवाद अधिक होता है. नौकरी और आजीविका के क्षेत्र में कंपटीशन आदि का सामना भी करना पड़ता है. कार्य सरलता से बन जाएंगे, इसकी उम्मीद कम रहती है. लोन और कर्ज लेने वालों को समय पर चुकाते रहना चाहिए, नहीं तो सिविल खराब होने से आपकी छवि पर दाग लग सकता है और कानूनी कार्यवाही के घेरे में भी आ सकते हैं. ननिहाल पक्ष में मामा से अनबन रहती है. ऐसा भी हो सकता है कि मामा का सुख प्राप्त न हो. दुर्घटना अर्थराइटिस और पुराने रोगों से सदैव अलर्ट रहना चाहिए.

सातवां स्थान

इस भाव पर शनि और मंगल एक साथ विराजमान है. उन्हें सदैव दूसरों के साथ तालमेल बनाकर रखना चाहिए. मंगल ऊर्जा है और शनि हवा है. यह दोनों का कॉम्बिनेशन का तात्पर्य है कि अग्नि और प्रज्वलित होगी. शनि और मंगल की युति अक्सर मैरिड लाइफ को बिगाड़ सकती है या फिर जिनकी कुंडली में है, उन्हें विवाह से वंचित कर सकती है. इसका गहरा असर जीवन साथी के स्वास्थ्य पर भी पड़ता है. अनावश्यक रूप से बीमार रहते/रहती हैं. आजीविका के क्षेत्र में ऑफिस में हो तो सहकर्मी और व्यापार में पार्टनर के साथ बहुत अच्छा तालमेल नहीं बैठ पाता है. यदि आपकी कुंडली में इस तरह के कॉन्बिनेशन है तो आपको सलाह है कि सभी के साथ मेल-मिलाप बनाकर रखें. सेहत संबंधित मामलों में ऐसे लोगों का अक्सर पेट खराब रहता है. स्टोन अपेंडिक्स संबंधित रोग हो सकते हैं.

आठवां स्थान

किसी भी लग्न में यदि शनि एक साथ आठवें स्थान पर बैठे हैं तो इसका यह मतलब है कि आप में मैनेजमेंट कला और धैर्य रखने का विशेष गुण है. आप जिस कार्य को ठान लेते हैं, उसे बेहतरीन तरीके से पूर्ण करते हैं और सफलता पाते हैं, लेकिन इसमें कोई दो राय नहीं है कि उसे पूरा करने में कई मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. शोधपरक कार्यों में लगे लोगों को यह ग्रह सपोर्ट करते हैं. जहां एक और शनि समझदारी बढ़ाते हैं तो वहीं मंगल की एलर्जी आपको कठिनाइयों से पीछे नहीं हटने देती है. रोगों से अलर्ट रहना चाहिए. जैसे आंखों में कमजोरी, एक्सीडेंट, सर्वाइकल, आर्थराइटिस और ब्लड में इन्फेक्शन.

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