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नई दिल्ली. नोटबंदी को लेकर तरह-तरह की बातें सामने आई हैं. किसी को इससे परेशानी का सामना करना पड़ा तो वहीं कुछ लोगों ने इसे अच्छा कदम बताया. लेकिन, अब जो आंकड़ा निकलकर सामने आ रहा है वो यकीनन केंद्र सरकार के लिए अच्छी खबर है. नोटंबदी के बाद से लोगों का रुझान डिजिटल लेनदेन की तरफ बढ़ा है. वर्ष 2017-18 में डिजिटल लेनदेन में 80 फीसदी का इजाफा हो सकता है. यह रकम कुल मिलाकर 1800 करोड़ रुपए तक पहुंचने की उम्मीद है.
डिजिटल लेनदेन में बड़ा इजाफा
मार्च-अप्रैल 2017 में जब नोटबंदी के बाद नकदी की किल्लत दूर होने लगी थी, तो डिजिटल लेनदेन में इजाफा देखा गया. एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन दोनों महीनों में 156 करोड़ रुपए का डिजिटल लेनदेन हुआ. उसके बाद से औसतन 136-138 करोड़ रुपए के डिजिटल लेनदेन हो रहे हैं.
ऐप और वॉलेट से बढ़ा लेनदेन
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, देश में पिछले साल 8 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नोटबंदी की घोषणा के बाद से ही डिजिटल लेनदेन बढ़ रहा है. संसद के वित्त स्थायी समिति को सौंपी गई रिपोर्ट में इस बात का जिक्र है कि UPI-BHIM, आईएमपीएस, एम-वॉलेट और डेबिट कार्ड के जरिए लोग पहले से ज्यादा डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं. एक रिपोर्ट में यह बात सामने आई है कि रोजमर्रा के कामकाजों में डिजिटल पेमेंट का चलन बढ़ा है.
अक्टूबर तक 1000 करोड़ पहुंचा आंकड़ा
अक्टूबर तक करीब 1000 करोड़ रुपए का डिजिटल ट्रांजैक्शन हो चुका है. जो कि 2016-17 के पूरे लेनदेन के बराबर है. सूचना एंव प्रौद्योगिकी मंत्रालय के मुताबिक, जून-जुलाई और अगस्त में औसतन 136-138 करोड़ रुपए का लेनदेन डिजिटल माध्यम से किया गया. जनधन-आधार-मोबाइल की तिकड़ी स्थापित करने में भी काफी प्रगति देखी गई है. देश में 118 करोड़ मोबाइल, करीब इतने ही आधार नंबर और 31 करोड़ जनधन खाते होने की बात इस रिपोर्ट में कही गई है.
डिजिटल ट्रांजैक्शन का फायदा
रोजाना इतना होता है डिजिटल लेनदेन
इनकम टैक्स रिटर्न में 23% का इजाफा
ऑनलाइन इनकम टैक्स रिटर्न भरने के मामले में भी बड़ा कामयाबी हासिल हुई है. 2016-17 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न की ई-फाइलिंग में करीब 23% का इजाफा हुआ है.
ई-टोल पेमेंट में भी जबरदस्त उछाल
नोटबंदी के बाद से ई-टोल पेमेंट में बड़ा उछाल देखने को मिला है. जहां जनवरी 2016 में यह आंकड़ा 88 करोड़ रुपए था वहीं, अगस्त 2017 में यह आंकड़ा बढ़कर 275 करोड़ रुपए हो गया.