अभी तक दूरसंचार कंपनियां बिना आधार के सिम कार्ड जारी नहीं कर रही थीं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि आधार सिम कार्ड जारी करने के लिए जरूरी नहीं है.
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नई दिल्ली: नया सिम कनेक्शन लेने वालों के लिए अच्छी खबर है. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नया सिम कनेक्शन लेने के लिए आधार देना जरूरी नहीं है. अब टेलीकॉम कंपनियां KYC के नाम पर उपभोक्ता से आधार नहीं मांग सकती. आधार देना पूरी तरह वैकल्पिक होगा. सुप्रीम कोर्ट ने आधार मामले में सुनवाई करते हुए टेलीकॉम ऑपरेटरों को निर्देश जारी किया है. इसमें कहा गया है कि वे ग्राहकों को सिम जारी करते समय आधार के अलावा अन्य वैध पहचान पत्र मसलन ड्राइविंग लाइसेंस, पासपोर्ट या वोटर आईडी ले सकते हैं. दूरसंचार कंपनियों को तत्काल ही इस आदेश को मानना होगा क्योंकि सरकार ने यह व्यवस्था तुरंत लागू होगी.
आधार पर ही सिम दे रही थीं कंपनियां
अभी तक दूरसंचार कंपनियां बिना आधार के सिम कार्ड जारी नहीं कर रही थीं. हालांकि, सुप्रीम कोर्ट का स्पष्ट निर्देश है कि आधार सिम कार्ड जारी करने के लिए जरूरी नहीं है. सुप्रीम कोर्ट में आधार की वैधता को लेकर सुनवाई में कहा आधार को अनिवार्य करने के लिए किसी को बाध्य नहीं किया जा सकता. दूरसंचार मंत्रालय ने निर्देश में कहा कि कोई दूरसंचार कंपनी आधार नंबर न होने पर किसी ग्राहक को सिम देने से इनकार नहीं कर सकती. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के साथ ही सरकार का वह पुराना आदेश भी निरस्त हो गया, जिसमें कहा गया था कि आधार सत्यापन के बिना किसी को सिम न जारी किया जाए.
आधार एक्ट का सेक्शन-57 रद्द
सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को आधार एक्ट के सेक्शन 57 को रद्द कर दिया है. यह एक्ट प्राइवेट कंपनियों के साथ डेटा साझा करने की इजाजत देता है. 5 जजों की बेंच ने कहा है कि आधार संवैधानिक रूप से वैध है. कोर्ट के फैसले का मतलब है कि टेलीकॉम कंपनियां, ई-कॉमर्स कंपनियां, प्राइवेट बैंक और दूसरी ऐसी कंपनियां सर्विसेज के लिए ग्राहकों से बायोमैट्रिक और दूसरे डेटा नहीं मांग सकेंगी.
मोबाइल से आधार लिंक करना जरूरी नहीं
इसके अलावा, कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि मोबाइल से आधार लिंक कराना भी जरूरी नहीं है. कोर्ट ने कहा कि सरकार डेटा सुरक्षा के लिए कड़े कदम उठाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि आधार का डेटा 5 साल तक नहीं रखा जा सकता है. सुप्रीम कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि जितना जल्दी हो सके, उतनी जल्दी डेटा प्रोटेक्शन लॉ लेकर आए. कोई व्यक्ति दोबारा आधार बनवाने की कोशिश करे तो वह बायोमीट्रिक सिस्टम में पकड़ा जाएगा. इसलिए आधार यूनीक है.
आधार जरूरी होगा
सरकार की लाभकारी एवं सब्सिडी योजना के लिए आधार जरूरी होगा. इनमें फर्टिलाइजर सब्सिडी, LPG सब्सिडी, मंथली पेंशन स्कीम, फंड ट्रांसफर शामिल हैं. आधार कार्ड पर आधारित डायरेक्ट बेनेफिट स्कीम (एलपीजी सब्सिडी) केंद्र सरकार की एक बड़ी स्कीम है। इसके जरिए लाभार्थियों को नकद सब्सिडी उनके बैंक अकाउंट में सीधे ट्रांसफर की जाती है। मोदी सरकार ने इस स्कीम को फिर से लॉन्च किया और ‘पहल’ नाम दिया है। डीबीटीएल स्कीम से करीब 20 करोड़ लाभार्थी जुड़े हैं. डीबीटीएल स्कीम का लाभ पाने के लिए 17 डिजिट के एलपीजी कंज्यूमर नंबर को आधार से लिंक कराना होता है. इसके बाद आपके बैंक अकाउंट में सब्सिडी का पैसा डायरेक्ट ट्रांसफर होता है.
पैन-आधार लिंक कराना जरूरी
आधार को पैन कार्ड से लिंक कराना होगा. इससे आयकर रिटर्न और अन्य वित्त मामलों में आसानी होगी. पैन कार्ड और आधार लिंक करने की तारीख फिलहाल मार्च 2019 तक बढ़ाई जा चुकी है. इसके अलावा नीट परीक्षा और CBSE परीक्षाओं के लिए भी आधार जरूरी होगा.