हाल में बिटकॉइन जैसी डिजिटल मुद्रा ने 10,000 अमेरिकी डॉलर के स्तर को पार कर लिया. इससे जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर अमेरिका का कहना है कि वह इस घटनाक्रम पर अपनी नजर बनाए हुए है जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन की जरूरत बताई.
Trending Photos
वाशिंगटन : हाल में बिटकॉइन जैसी डिजिटल मुद्रा ने 10,000 अमेरिकी डॉलर के स्तर को पार कर लिया. इससे जुड़ी चिंताओं के मद्देनजर अमेरिका का कहना है कि वह इस घटनाक्रम पर अपनी नजर बनाए हुए है जबकि अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने क्रिप्टोकरेंसी के विनियमन की जरूरत बताई. क्रिप्टोकरेंसी को एक तरह के कूट संदेश की तरह तैयार किया जाता है और इस डिजिटल मुद्रा से लेनदेन किया जाता है. इसे कूट इसलिए रखा जाता है ताकि इसके लेनदेन का सत्यापन हो सके, साथ ही इसे अधिक मात्रा में तैयार नहीं किया जा सके.
बिटकॉइन इस तरह की पहली कूटमुद्रा है. थैंक्सगिविंग सप्ताहांत पर इसमें बेहद उछाल देखा गया और एक बिटकॉइन की कीमत 10,000 डॉलर को पार कर गई. व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सराह सांडर्स ने यहां एक दैनिक प्रेसवार्ता में कहा, 'मैं जानती हूं कि यह ऐसा कुछ है जिसकी हमारी टीम द्वारा निगरानी की जानी चाहिए.'
यह भी पढ़ें : 1 साल पहले सिर्फ 10000 रुपए लगाते, तो आज लखपति होते आप!
मुद्रा कोष के प्रवक्ता गैरी राइस ने कहा कि इनिशियल कॉइन ऑफरिंग (आईसीओ) समेत अन्य क्रिप्टोकरेंसी का उचित विनियमन एवं निगरानी किए जाने की जरुरत है. उन्होंने पत्रकारों के एक सवाल के जवाब में यह बात कही.
यह भी देखें : डीएनए, डिजिटल दुनिया की नई दौलत Bitcoin का DNA टेस्ट
उन्होंने कहा कि मुद्रा कोष का मानना है कि इस मामले में बेहतर अंतरराष्ट्रीय सहयोगी विचार-विमर्श करना मददगार होगा. मुद्रा कोष इस मामले में अपनी भूमिका निभा रहा है. आईसीओ एक गैर-विनियमित प्रणाली है जिसका उपयोग क्रिप्टोकरेंसी के लिए कोष जुटाने के लिए किया जाता है.