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नई दिल्ली: मूडीज इन्वेस्टर सर्विस ने मंगलवार को चेतावनी दी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का लंबे समय से बढ़ता एनपीए (वसूली नहीं हो रहे कर्ज) भारत की वित्तीय साख के लिए खतरा है। उन्होंने कहा कि सरकार को बैंकों की बैलेंसशीट की सफाई के लिए कुछ लागत का वहन करनी चाहिए। मूडीज ने एक रपट में कहा है, ‘सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों का बड़ा और लंबे समय से बरकरार एनपीए सावरेन साख के लिए सबसे बड़े खतरों में है क्यों कि इसका राजकोषीय स्थिति पर असर होता है।’
रपट के मुताबिक, ‘ ऋण जब आम तौर पर घरेलू बैंकिंग प्रणाली से लिया जा रहा है तो सरकार बैंक की बैलेंसशीट की सफाई की कुछ लागत का वहन कर सकती है।’