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मुंबई : कथित तौर पर कारपोरेट जासूसी सिंडिकेट पर शिकंजा कसे जाने के बीच रिलायंस समूह ने कहा कि वह अपने सभी कारोबारी सौदे में नैतिकता के लिए प्रतिबद्ध है और समूह की कंपनी रिलायंस पावर सरकार के साथ पूरा सहयोग कर रही है।
शेयर बाजारों को भेजी गई अलग-अलग जानकारी में अनिल अंबानी के नेतृत्व वाले समूह की सभी सूचीबद्ध कंपनियां ने यह भी कहा, पुलिस अधिकारियों ने भारत में कहीं भी रिलायंस समूह के किसी भी कार्यालय में कोई तलाशी या छापा नहीं मारा। रिलायंस कैपिटल, रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिलायंस कम्यूनिकेशंस और रिलायंस पावर ने कहा है कि मीडिया में आई गुमराह करने वाली खबरों के बाद समूह ने अपने करोड़ों निवेशकों के हित में अपनी स्थिति साफ कर दी है।
समूह ने कहा, रिलायंस पावर के सिर्फ एक कर्मचारी के काम-काज की जगह की तलाशी ली गई है और किसी तरह की संदिग्ध जानकारी नहीं मिली। हमें यह नहीं पता कि उस कर्मचारी की गिरफ्तारी किन परिस्थितियों में हुई और रिलायंस पावर सरकार के साथ पूरा सहयोग कर रही है। समूह ने कहा, हम अपने कारोबारी सौदों में नैतिकता के प्रति प्रतिबद्ध हैं और किसी तरह की गैरकानूनी गतिविधियों का समर्थन नहीं करते।
गौरतलब है कि रिलायंस समूह का कर्मचारी उन लोगों में शामिल हैं जिन्हें दिल्ली पुलिस ने कार्पोरेट जासूसी सिंडिकेट के संबंध में गिरफ्तार किया गया है। उक्त सिंडिकेट कथित तौर पर पेट्रोलियम और अन्य मंत्रालयों से गोपनीय दस्तावेज चुराता था और इसे कापरेरेट जगत और लाबिंग करने वालों को बेचता था।
इस बीच बंबई शेयर बाजार में शुरूआती कारोबार के दौरान रिलायंस पावर का शेयर 1.66 प्रतिशत घटकर 62.30 रपये प्रति शेयर जबकि रिलायंस कैपिटल 0.69 प्रतिशत घटकर 454.30 रुपए प्रति शेयर पर चल रहा था। इनके अलावा रिलायंस इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिलायंस कम्यूनिकेशंस का शेयर भी गिरावट के साथ कारोबार कर कर रहा था।