पत्रिका ने कहा, ‘भारत की आर्थिक स्थिति हिचकोले में होने के बाद भी फोर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट 2017 में शामिल अमीरों की संपत्ति संयुक्त तौर पर 26 प्रतिशत बढ़ी है और यह 479 अरब डॉलर यानी 31 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गयी है.’
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नई दिल्ली: विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज के मालिक मुकेश अंबानी लगातार 10वें साल भारत के सबसे अमीर व्यक्ति बनकर उभरे हैं. उनकी कुल संपत्ति (नेटवर्थ) बढ़कर 38 अरब डॉलर यानी 2.5 लाख करोड़ रुपये पर पहुंच गयी है. आर्थिक सुस्ती के बाद भी शीर्ष 100 अमीर लोगों की संपत्ति में 26 प्रतिशत इजाफा हुआ है. अमीरों की संपत्ति का आकलन करने वाली पत्रिका फार्ब्स की वार्षिक सूची ‘इंडिया रिच लिस्ट 2017’ में यह जानकारी दी गयी है. पत्रिका के अनुसार, देश की तीसरी बड़ी सॉफ्टवेयर कंपनी विप्रो के अजीम प्रेमजी 19 अरब डॉलर के नेटवर्थ के साथ दूसरे स्थान पर काबिज हुए हैं. उन्होंने पिछले साल की तुलना में दो स्थान की छलांग लगायी है. दवा बनाने वाली कंपनी सन फार्मा के दिलीप सांघवी 12.1 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ नौवें स्थान पर रहे हैं. वह पिछले साल की सूची में दूसरे स्थान पर थे.
फोर्ब्स ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आर्थिक प्रयोगों का भारत के अरबपतियों पर नाममात्र का असर पड़ा है. पिछले एक साल के दौरान मुकेश अंबानी की संपत्ति में 15.3 अरब डॉलर यानी 67 प्रतिशत का इजाफा हुआ है. इस तरह वह शीर्ष स्थान पर अपनी पकड़ मजबूत करने के साथ ही एशिया के शीर्ष पांच अमीरों में शामिल होने में सफल रहे हैं.
मुकेश अंबानी के छोटे भाई अनिल अंबानी अमीरों की सूची में काफी नीचे 45वें स्थान पर रहे हैं. उनकी संपत्ति 3.15 अरब डॉलर आंकी गयी है. पिछले साल वह 32वें तथा 2015 में 29वें स्थान पर रहे थे. योगगुरु रामदेव के करीबी सहयोगी के रूप में जाने जाने वाले पतंजलि आर्युवेद के आचार्य बालकृष्ण लंबी छलांग लगाकर 6.55 अरब डॉलर यानी 43 हजार करोड़ रुपये की संपत्ति के साथ 19वें स्थान पर पहुंच गये हैं. पिछले साल वह 48वें स्थान पर रहे थे.
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पत्रिका ने कहा, ‘भारत की आर्थिक स्थिति हिचकोले में होने के बाद भी फोर्ब्स इंडिया रिच लिस्ट 2017 में शामिल अमीरों की संपत्ति संयुक्त तौर पर 26 प्रतिशत बढ़ी है और यह 479 अरब डॉलर यानी 31 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गयी है.’ उसने आगे कहा, ‘भारत की तेजी से आगे बढ़ रही अर्थव्यवस्था ने पिछले साल नवंबर में नोटबंदी तथा राष्ट्रव्यापी माल एवं सेवा कर (जीएसटी) क्रियान्वयन के बाद रफ्तार गंवा दी थी और जून में समाप्त तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर तीन साल के निचले स्तर 5.7 प्रतिशत पर आ गयी. इसके बाद भी शेयर बाजारों ने नयी ऊंचाइयां हासिल कीं जिससे भारत के शीर्ष 100 अमीरों की संपत्ति में इजाफा हुआ.’
मुकेश अंबानी के मामले में तेल शोधन मुनाफा सुधरने और दूरसंचार इकाई रिलायंस जियो की शुरुआत के बाद 13 करोड़ उपभोक्ता जोड़ने से रिलायंस इंडस्ट्रीज के शेयरों में उछाल आया. हिंदुजा ब्रदर्स 18.4 अरब डॉलर के साथ तीसरे स्थान पर, लक्ष्मी मित्तल 16.5 अरब डॉलर के साथ चौथे तथा पल्लोनजी मिस्त्री 16 अरब डॉलर के साथ पांचवें स्थान पर रहे हैं.
पत्रिका ने कहा कि उसने पूंजीपतियों तथा उनके परिजनों, शेयर बाजारों, बाजार विश्लेषकों और नियामकीय एजेंसियों से प्राप्त सूचनाओं के आधार पर यह सूची तैयार की है. पत्रिका ने बताया कि सूची में नाम बरकरार रखने वाले अमीरों का 80 प्रतिशत हिस्सा संपत्ति में वृद्धि करने में सफल रहे हैं. सूची में शामिल 27 अरबपतियों की संपत्ति में एक अरब डॉलर या इससे अधिक का इजाफा हुआ है.
सूची में पहली बार शामिल होने वालों में नुस्ली वाडिया 5.6 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ 25वें स्थान पर रहे हैं. पहली बार शामिल होने वाले शीर्ष पांच अमीरों में ई-गवर्नेंस समाधान देने वाली कंपनी वक्रांगी के दिनेश नंदवाना 1.72 अरब डॉलर के साथ 88वें, मोबाइल वॉलेट पेटीएम के विजय शेखर शर्मा 1.47 अरब डॉलर के साथ 99वें तथा यस बैंक के राणा कपूर 1.46 अरब डॉलर के साथ 100 वें स्थान पर रहे हैं.
वरिष्ठ निवेशक राधाकिशन दमानी मार्च में अपनी कंपनी डीमार्ट की सूचीबद्धता के कारण सूची में पुन: स्थान बनाने में कामयाब रहे हैं. वह 9.3 अरब डॉलर की संपत्ति के साथ 12वें स्थान पर काबिज हुए हैं. सूची में पुन: जगह बनाने वालों में फ्यूचर ग्रुप के किशोर बियानी 2.75 अरब डॉलर के साथ 55वें तथा मुरलीधर एवं बिमल ज्ञानचंदानी 1.96 अरब डॉलर के साथ 75वें स्थान पर रहे हैं. पिछले एक साल के दौरान एक दर्जन से अधिक अरबपतियों की संपत्ति में गिरावट भी देखी गयी है. इनमें से आधे से अधिक दवा क्षेत्र से हैं. विभिन्न चुनौतियों के कारण दवा क्षेत्र को पिछले साल में नरमी का सामना करना पड़ा है.