ई-वॉलेट वालों के लिए खुशखबरी, कंपनी की लापरवाही से फ्रॉड हुआ तो मिलेगा पूरा पैसा
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ई-वॉलेट वालों के लिए खुशखबरी, कंपनी की लापरवाही से फ्रॉड हुआ तो मिलेगा पूरा पैसा

रिज़र्व बैंक की ओर से जारी नियमों के मुताबिक अगर ई-वॉलेट या प्री-पेड इंस्ट्रूमेंट जारी करने वाली कंपनी की लापरवाही से कोई फ्रॉड होता है तो ग्राहक जिम्मेदार नहीं होंगे.

ई-वॉलेट वालों के लिए खुशखबरी, कंपनी की लापरवाही से फ्रॉड हुआ तो मिलेगा पूरा पैसा

ब्रजेश कुमार, नई दिल्ली: ई-वॉलेट का इस्तेमाल करने वाले ग्राहकों के लिए अच्छी खबर है. अब रिज़र्व बैंक ने ये तय कर दिया है कि ई-वॉलेट से अनाधिकृत सौदा होता है तो उसमें ग्राहकों की जिम्मेदारी कितनी होगी. रिज़र्व बैंक की ओर से जारी नियमों के मुताबिक अगर ई-वॉलेट या प्री-पेड इंस्ट्रूमेंट जारी करने वाली कंपनी की लापरवाही से कोई फ्रॉड होता है तो ग्राहक जिम्मेदार नहीं होंगे.

इसी तरह अगर किसी थर्ड पार्टी एजेंसी की गलती से ग्राहक के वॉलेट से फ्रॉड होता है तो उस स्थिति में ग्राहक को पूरी भरपाई होगी. हालांकि इसके लिए ग्राहक को पता चलने के तीन कामकाजी दिन के भीतर ई-वॉलेट कंपनी में शिकायत दर्ज़ करानी होगी. अगर 4-7 दिन के भीतर ग्राहक शिकायत दर्ज़ कराता है तो नुकसान की असली रकम या फिर अधिकतम 10,000 रुपए में से जो कम हो वही मिलेगा. अगर 7 दिन के बाद ग्राहक शिकायत दर्ज़ कराता है तो ई-वॉलेट कंपनी की इस मामले पर जो पॉलिसी होगी उसी के हिसाब से भरपाई की जाएगी.

अगर ग्राहक की गलती से अनाधिकृत सौदा हुआ है तो उस स्थिति में सारी जिम्मेदारी ग्राहक की होगी. हालांकि ग्राहक से लापरवाही हुई है ये साबित करने का जिम्मा ई-वॉलेट कंपनी का होगा. रिज़र्व बैंक ने ये भी प्रावधान किया है कि अगर कोई ई-वॉलेट कंपनी चाहे तो ग्राहक की गलती होने के बावजूद भी उसे भरपाई कर सकती है.

रिज़र्व बैंक ने ग्राहकों की शिकायतों की सुनवाई से जुड़े कई और भी नियम बनाए हैं. जैसे कि अगर ग्राहक कि गलती नहीं है तो शिकायत मिलने के 10 दिन के भीतर रकम खाते में वापस लौटानी होगी. हालांकि ये रकम ग्राहक में दिखेगी लेकिन इसका इस्तेमाल सौदे में नहीं किया जा सकेगा. ई-वॉलेट कंपनियों को शिकायत दर्ज़ कराने के लिए 24X7 हेल्पलाइन बनानी होगी. साथ ही शिकायतें दर्ज़ कराने के लिए डायरेक्ट लिंक भी देना होगा. ई-वॉलेट कंपनियों के लिए ये भी ज़रूरी होगा कि वो शिकायत मिलते ही उसकी पुष्टि करें. इसके लिए ऑटोमैटिक रिप्लाई जैसा सिस्टम बनाना होगा.

ई-वॉलेट के ज़रिए होने वाले सभी सौदों के लिए SMS और ई-मेल अलर्ट ज़रूरी होगा. रिजर्व बैंक ने इसके लिए SMS और ई-मेल रजिस्ट्रेशन ज़रूरी किया है. देश में ई-वॉलेट के बढ़ते चलन को देखते हुए रिज़र्व बैंक ने ये नियम जारी किए हैं. अब तक ऐसे नियम केवल डेबिट, क्रेडिट कार्ड और नेट बैंकिंग से होने वाले सौदों में फ्रॉड के लिए ही था.

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