पब्लिक सेक्टर बैंक यानी सरकारी बैंकों की सेहत सुधारने के लिए सरकार ने रोड मैप पेश किया है. केंद्र सरकार अब 250 करोड़ रुपए से अधिक के बैंक लोन की अलग से मॉनिटरिंग करेगी.
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नई दिल्ली: पब्लिक सेक्टर बैंक यानी सरकारी बैंकों की सेहत सुधारने के लिए सरकार ने रोड मैप पेश किया है. केंद्र सरकार अब 250 करोड़ रुपए से अधिक के बैंक लोन की अलग से मॉनिटरिंग करेगी. इससे एनपीए की समस्या से निपटने में मदद मिलेगी. वित्त मंत्रालय ने बैकिंग रिफॉर्म के तहत यह फैसला किया है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने पीएसयू बैंकों के रीकैपिटलाइजेशन पर प्रेस कांफ्रेंस में यह जानकारी दी. सरकार ने पीएसयू बैंकों को लेकर बड़ा ऐलान किया. पीएसयू बैंकों में 1 लाख करोड़ रुपए से ज्यादा की पूंजी डालने का एलान किया है.
कैबिनेट बैठक में हुई चर्चा
पीएम मोदी के दावोस से लौटने के बाद, आज सुबह अधिकारियों की बैठक हुई और उसके बाद कैबिनेट की बैठक हुई. कैबिनेट की बैठक बैंक रीकैपिटलाइजेशन पर विस्तृत चर्चा की गई. इसके बाद वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बैंक रीकैपिटलाइजेशन में किस बैंक कितनी पूंजी मिलेगी ये जानकारी दी.
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The main objective of this flows from the Government's responsibility to keep public sector banks in good health: FM Jaitley pic.twitter.com/DYT7BRswom
— ANI (@ANI) January 24, 2018
क्या है पीएसयू बैंकों में पूंजी डालने का मकसद
Department of Financial Services has been undertaking a detailed exercise as to the amount of capital that needs to be infused into public sector banks: FM Jaitley pic.twitter.com/fuXhrtQyBY
— ANI (@ANI) January 24, 2018
किस बैंक में कितनी पूंजी डालेगी सरकार
इन आधार पर मिलेगा बैंकों को पैसा
वित्त मंत्री ने साफ किया है कि बैंकों को रीकैपिटलाइजेशन के तौर पर कितना पैसा मिलेगा यह उनके प्रदर्शन पर निर्भर करेगा. सरकार बैंकों के प्रदर्शन को इस आधार पर असेस करेगी कि कस्टमर को लेकर उनका रिस्पॉस कैसा है. लोन देने को लेकर बैंकों का रवैया कैसा है. एमएसएमई के साथ बैंक कैसे डील कर रहे हैं और वित्तीय समावेश पर बैंकों का प्रदर्शन कैसा है.
नॉन कोर एसेट की पहचान करनी होगी
बैंकिंग सचिव राजीव कुमार ने कहा बैंकों को अपनी नॉन कोर असेट की पहचान करनी होगी, जिससे वह पूंजी जुटा सकते हैं. इससे बैंकों के लिए अपने संसाधनों से पूंजी जुटाने में आसानी होगी.