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नई दिल्ली : सरकार ने कहा है कि परियोजनाओं को दी गयी पर्यावरण मंजूरी की वैधता कुछ मामलों में सात साल के लिये होगी। अप्रैल 2015 में संशोधित नियमों के बारे में स्पष्टता उपलब्ध कराने के प्रयास के तहत यह स्पष्टीकरण दिया गया है।
पिछले वर्ष 29 अप्रैल को केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय ने अधिसूचना जारी कर पर्यावरण मंजूरी की वैधता अवधि पांच वर्ष से बढ़ाकर सात साल कर दी थी। इसके अलावा पर्यावरण मंजूरी के नवीनीकरण के लिये अधिकतम तीन वर्ष की अनुमति दी गयी थी। मंत्रालय ने स्पष्ट किया है कि पर्यावरण मंजूरी की मियाद बढ़ाने के लिये वैधता अवधि के भीतर ही नियामकीय प्राधिकरण के समक्ष आवेदन किया जाना चाहिए।
हालांकि ताजा कार्यालय आदेश में मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि जिस परियोजना के लिये पर्यावरण मंजूरी मिली है, वह 29 अप्रैल 2015 तक पूरी नहीं हुई है तो वह स्वत: सात साल के लिये बढ़ जाएगी। अगर पर्यावरण मंजूरी की वैधता अवधि उक्त उल्लेखित तारीख को समाप्त हो गयी है और पांच साल की वैधता अवधि के दौरान पर्यावरण मंजूरी की समयसीमा बढ़ाने का अनुरोध किया गया है, उसे भी सात साल के लिये बढ़ाया जा सकेगा।
आदेश के अनुसार पर्यावरण मंजूरी की वैधता अवधि 29 अप्रैल, 2015 को समाप्त हो गयी और उसके विस्तार के लिये वैधता अवधि के दौरान आवेदन नहीं किया गया है तब विस्तार के लिये पर्यावरण मंजूरी देने के बारे में फैसला मामला-दर-मामला आधार पर किया जाएगा।