सरकार ने इंटरनेट पर नेट निरपेक्षता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया
Advertisement
trendingNow1256471

सरकार ने इंटरनेट पर नेट निरपेक्षता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया

नेट निरपेक्षता सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाए जाने की विभिन्न दलों के सदस्यों की मांग के बीच सरकार ने मंलगवार को राज्यसभा में कहा कि बिना किसी भेदभाव के इंटरनेट सभी लोगों को उपलब्ध कराए जाने के लिए वह प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि नेट निरपेक्षता से संबंधित सभी चिंताओं का समाधान करते समय इससे मूलभूत सिद्धांतों का पालन किया जाएगा।

सरकार ने इंटरनेट पर नेट निरपेक्षता सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया

नई दिल्ली : नेट निरपेक्षता सुनिश्चित करने के लिए कानून बनाए जाने की विभिन्न दलों के सदस्यों की मांग के बीच सरकार ने मंलगवार को राज्यसभा में कहा कि बिना किसी भेदभाव के इंटरनेट सभी लोगों को उपलब्ध कराए जाने के लिए वह प्रतिबद्ध है। इसके साथ ही सरकार ने कहा कि नेट निरपेक्षता से संबंधित सभी चिंताओं का समाधान करते समय इससे मूलभूत सिद्धांतों का पालन किया जाएगा।

दूरसंचार और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सरकार देश के सभी नागरिकों को निष्पक्ष रूप से इंटरनेट की सुविधा सुनिश्चित करने के लिए तत्पर है और नेट निरपेक्षता से संबंधित वर्तमान चर्चा को इससे संबंधित मुद्दों का सौहार्दपूर्ण और संवैधानिक तथा आर्थिक सिद्धांतों के अनुरूप समाधान करने के परिप्रेक्ष्य में देखा जाना चाहिए।

प्रसाद ने कहा कि नेट की आजादी के लिए किसी सत्याग्रह की जरूरत नहीं है और उनकी सरकार नेट की आजादी के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि इसके साथ ही हमें यह स्वीकार करना चाहिए कि इस विषय से संबंधित कई ऐसे मुद्दे हैं जिन पर सार्थक निर्णय लेने के लिए विचार विमर्श की आवश्यकता है।

उन्होंने कहा कि सरकार इस विचार से सहमत है कि इंटरनेट पर विधिसम्मत विषय सामग्री को रोकने और मनमाने ढंग से इसकी गति को कम करने या बढ़ाने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उपभोक्ताओं को इंटरनेट पर सभी विधि सम्मत विषय सामग्री पर निर्बाध पहुंच मिलनी चाहिए।

दूरसंचार और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद देश में नेट निरपेक्षता के संबंध में तृणमूल कांग्रेस सदस्य डेरेक ओ ब्रायन द्वारा राज्यसभा में लाए गए एक ध्यानाकषर्ण प्रस्ताव पर हुयी चर्चा का जवाब दे रहे थे।

प्रसाद ने कहा कि भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राई) ने इस संबंध में एक परामर्श पत्र जारी किया है। उन्होंने कहा कि ट्राई को प्रशुल्क और सेवा की गुणवत्ता को विनियमित करने की शक्ति प्राप्त है लेकिन इसके विनियम सरकार की समग्र सार्वजनिक नीति के अधीन हैं। उन्होंने कहा कि अन्य मामलों के संबंध में ट्राई सिफारिशें दे सकता है और अंतिम निर्णय सरकार द्वारा लिया जाता है। उन्होंने कहा कि सरकार ने नेट निरपेक्षता के लिए समग्र नीति और तकनीकी प्रत्युत्तरों की सिफारिश करने के लिए एक अलग समिति का भी गठन किया है। समिति द्वारा इस महीने के अंत तक अपनी रिपोर्ट देने की आशा है। उसके बाद सरकार आगे की र्कारवाई के संबंध में ठोस विचार करेगी।

चर्चा में अधिकतर सदस्यों ने नेट निरपेक्षता सुनिश्चित करने के लिए उचित कानून बनाए जाने की जरूरत पर बल दिया। कई सदस्यों ने ट्राई के परामर्श पत्र को लेकर भी सवाल किए।

डेरेक ओ ब्रायन ने दूरसंचार नियामक ट्राई को भेजे गए दस लाख ईमेल कथित तौर पर लीक होने का जिक्र किया और कहा कि यह उन लोगों की निजता के साथ समझौता करने के समान है। उन्होंने कहा कि हालांकि बाद में 36 घंटे के भीतर ईमेल को हटा लिया गया। उन्होंने सरकार से सवाल किया कि क्या वह आईटी कानून में संशोधन करने पर विचार कर रही है।

द्रमुक की कनिमोई ने कहा कि छोटी वेबसाइटें बड़ी वेबसाइटों के साथ प्रतिस्पर्धा नहीं कर सकतीं और ऐसी वेबसाइटों की रक्षा के लिए कदम उठाए जाने चाहिए। तृणमूल कांग्रेस के विवेक गुप्ता ने छोटी कंपनियों को भी समान अवसर दिए जाने का सुझाव दिया। भाजपा के तरूण विजय ने इस मामले को इंटरनेट की आजादी करार दिया। उन्होंने नेट निरपेक्षता के लिए विधेयक लाने और कानून बनाए जाने की मांग की। इसके साथ ही उन्होंने दावा किया कि दूरसंचार कंपनियां ‘ओवरबिलिंग’कर रही हैं जिस पर रोक लगनी चाहिए।

निर्दलीय राजीव चंद्रशेखर ने ट्राई कानून की समीक्षा किए जाने की मांग की वहीं सपा के रवि प्रकाश वर्मा ने ग्रामीण क्षेत्रों में मोबाइल फोन उपभोक्ताओं को हो रही परेशानी का जिक्र किया। बसपा के नरेंद्र कुमार कश्यप ने सरकारी दूरसंचार कंपनियों की सेवाओं में सुधार किए जाने की जरूरत पर बल दिया। उन्होंने सोशल साइटों पर परोसी जा रही अश्लील सामग्री पर रोक लगाए जाने के लिए ठोस कानून बनाए जाने की भी मांग की।

मनोनीत अशोक गांगुली और के टी एस तुलसी, माकपा के रीताव्रता बनर्जी, कांग्रेस के एम वी राजीव गौड़ा, शांताराम नाइक और आनंद भास्कर रापोलू, बीजद के ए यू सिंह देव, शिवसेना के अनिल देसाई, अन्नाद्रमुक के नवनीत कृष्णन, भाकपा के डी राजा और भाजपा के वी पी सिंह वडनोर ने भी इस मुद्दे पर सरकार से स्पष्टीकरण पूछे।

Trending news