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नई दिल्ली : मुख्य आर्थिक सलाहकार (सीईए) अरविंद सुब्रमणियन ने आज कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को तय लक्ष्य के अनुरूप 4.1 प्रतिशत पर रखने को प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘इस साल के लिये हम 4.1 प्रतिशत राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को लेकर प्रतिबद्ध हैं। मुझे लगता है कि हमें सामान्य रूप से राजकोषीय रणनीतियों का पुनर्मूल्यांकन करना होगा। हमें समग्र रूप से निर्णय लेने होंगे।’ सुब्रमणियन वित्त मंत्रालय का 2014-15 का मध्यावाधि आर्थिक विश्लेषण संसद के पटल पर रख दिये जाने के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
समीक्षा में कहा गया है, ‘तमाम प्रतिकूल परिस्थितियों के बावजूद सरकार वित्त वर्ष 2014-15 के लिये राजकोषीय लक्ष्यों को हासिल करने को लेकर प्रतिबद्ध है।’ इसमें कहा गया है, ‘यह कितना महत्वकांक्षी लक्ष्य है? राजस्व के नजरिये से बजट का आंकलन करने के बाद यह लक्ष्य महत्वकांक्षी लगता है।’ बजट में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 4.1 प्रतिशत रखने का लक्ष्य रखा गया है जो पिछले साल के 4.5 प्रतिशत से कम है।
सुब्रमणियन ने आगे कहा कि नई सरकार को निर्णायक आर्थिक बदलाव के लिये राजनीतिक जनादेश मिला है और जो कदम उठाये गये हैं, उसमें यह प्रतिबिंबित होता है। उन्होंने कहा, ‘कुल मिलाकर वृद्धि परिदृश्य उल्लेखनीय रूप से सुधरा है।’ सार्वजनिक निवेश के वृद्धि का इंजन बनने की संभावना को देखते हुए इस पर गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।