बजट से पहले डीजल-पेट्रोल की बढ़ी कीमतों से राहत दे सकती है मोदी सरकार, 18 को है GST काउंसिल की बैठक
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बजट से पहले डीजल-पेट्रोल की बढ़ी कीमतों से राहत दे सकती है मोदी सरकार, 18 को है GST काउंसिल की बैठक

इस साल का बजट नरेंद्र मोदी सरकार के लिए एक तरफ अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चुनौती से भरा है तो दूसरी तरफ आम चुनाव से पहले सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होने के नाते इसे लोकलुभावन भी बनाना होगा.

2019 लोकसभा चुनाव को देखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और वित्त मंत्री अरुण जेटली महंगाई कंट्रोल करने के लिए बड़े फैसले ले सकते हैं.

रीमा पराशर, नई दिल्ली: इस साल का बजट नरेंद्र मोदी सरकार के लिए एक तरफ अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए चुनौती से भरा है तो दूसरी तरफ आम चुनाव से पहले सरकार का आखिरी पूर्ण बजट होने के नाते इसे लोकलुभावन भी बनाना होगा. वित्त मंत्री अरुण जेटली एक फरवरी को बजट पेश करेंगे. सबकी निगाहें इस बात पर है कि आम आदमी को वह कितनी राहत दे पाते हैं. इसी के मद्देनजर बुधवार को जीएसटी परिषद की अहम बैठक हो रही है, जिसमें पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर खासी चर्चा की उम्मीद है.

  1. आम बजट से पहले है GST काउंसिल की अहम बैठक
  2. डीजल-पेट्रोल की कीमतें कंट्रोल करने पर हो सकती है बातचीत
  3. 60-70 सामानों पर सरकार घटा सकती है टैक्स

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतें सरकार के लिए सिरदर्द
लगातार बढ़ रही पेट्रोल-डीजल की कीमतें सरकार के लिए भी चिंता लेकर आई है. बजट से पहले अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमत 65 डॉलर के पार पहुंच चुकी है, जिसकी वजह से देश में पेट्रोल और डीजल के दाम लगातार बढ़ते जा रहे हैं. इसके बाद सरकार की कोशिश पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाने पर है. सरकार पहले ही ये संकेत भी दे चुकी है कि वह ना सिर्फ राज्यों को वैट घटाने के लिए कह सकती है, बल्कि खुद भी इसपर कोई फैसला लिया जा सकता है. हालांकि इस फैसले में राज्यों की सहमति आना बेहद जरूरी है. क्योंकि राज्यों की राजस्व से होने वाली कमाई का बड़ा हिस्सा पेट्रोल और डीजल से ही आता है.

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करीब 70 सामानों पर घट सकता है टैक्स
सूत्रों के मुताबिक जीएसटी काउंसिल की इस बैठक में 60 से 70 समानों पर भी टैक्स कम किया जा सकता है. इनमें से कुछ सेवाओं पर पहले कोई टैक्स नहीं लगता था, पर जीएसटी में वह टैक्स के दायरे में आ गई थी. इस वजह से इनमें दिक्कत आ रही थी. साथ ही रियल एस्टेट को जीएसटी के दायरे में लाने के लिए उठ रही मांगों पर भी फैसला लिया जा सकता है.

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18 जनवरी से शुरू हो रही जीएसटी काउंसिल की यह बैठक इसलिए भी अहम है, क्योंकि ये आम बजट से ठीक पहले हो रही है अगली बैठक मार्च के आखिर में या फिर अप्रैल में ही होगी. इस वजह से सरकार की कोशिश इस बैठक में एक साथ कई महत्वपूर्ण फैसले लेना रहेगा.

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