घर खरीदारों की याचिका: सुप्रीम कोर्ट का फरमान, जेपी एसोसिएट्स के डायरेक्टर निजी तौर पर पेश हों
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घर खरीदारों की याचिका: सुप्रीम कोर्ट का फरमान, जेपी एसोसिएट्स के डायरेक्टर निजी तौर पर पेश हों

न्यायालय ने बाद में छह नवंबर को इस कंपनी को पहले के 2000 करोड़ रुपए जमा करने के आदेश के स्थान पर रजिस्ट्री में चार सौ करोड़ रुपए जमा कराने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था.

उच्चतम न्यायालय (सुप्रीम कोर्ट).

नई दिल्ली: उच्चतम न्यायालय ने सोमवार (13 नवंबर) को जयप्रकाश एसोसिएट लि के गैर संस्थागत निदेशाकों को 22 नवंबर को व्यक्तिगत रूप से पेश होनेऔर अपनी निजी संपत्तितयों का विवरण सौंपने का निर्देश दिया. शीर्ष अदालत ने जेपी इंफ्राटेक को 11 सितंबर को दिये गये निर्देश के आलोक में सोमवार (13 नवंबर) को नया निर्देश दिया. सितंबर में न्यायालय ने जेपी इंफ्राटेक को 27 अक्तूबर को उसकी रजिस्ट्री में दो हजार करोड़ रुपए जमा कराने का आदेश दिया था. 

न्यायालय ने बाद में छह नवंबर को इस कंपनी को पहले के 2000 करोड़ रुपए जमा करने के आदेश के स्थान पर रजिस्ट्री में चार सौ करोड़ रुपए जमा कराने की अनुमति देने से इंकार कर दिया था. प्रधान न्यायाधीश दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड़ की तीन सदस्यीय खंडपीठ ने सोमवार (13 नवंबर) को इन निदेशकों को 22 नवंबर को न्यायालय में पेश होने का निर्देश देने के साथ ही अधिवक्ता पवन श्री अग्रवाल को इस मामले मे न्याय मित्र नियुक्त कर दिया और एक वेबपोर्टल शुरू करने आदेश दिया ताकि जेपी इंफ्राटेक के मकान खरीददार अपनी शिकायतें और समस्यायें वहां दर्ज करा सकें.

जयप्रकाश ऐसासिएट लि के वकील ने न्यायालय को सूचित किया कि कंपनी सात सौ करोड़ रुपए जमा कराने के लिये तैयार है. आईसीआईसीआई बैंक के वकील ने जेपी समूह के इस बयान का विरोध करते हुये कहा कि कंपनी के श्रृण पुनर्गठन की प्रक्रिया चल रही है और ऐसी स्थिति में धन उपलब्ध कराना संभव नहीं होगा. इसी बैंक के साथ समूह के खाता है.

पीठ ने फर्म से कहा कि वह आज ही रजिस्ट्री में एक हजार करोड़ रुपए जमा कराने पर विचार करे. न्यायालय पहले ही जेपी इंफ्राटेक के प्रबंधक निदेशक और निदेशकों को पूर्वानुमति के बगैर विदेश जाने पर रोक लगा चुका है और उसने मूल कंपनी जेपी एसोसिएट से कहा था कि वह यह धन जमा कराये. शीर्ष अदालत ने जेपी इंफ्राटेक को यह भी निर्देश दिया था कि वह 32000 से ज्याद परेशान हाल मकान खरीददारों और कर्जदारों के हितों की रक्षा के लिये योजना का मर्सादा करने हेतु सारा रिकॉर्ड इंसाल्वेन्सी रेज्यूलूशन प्रफोशेनल को सारा रिकॉर्ड सौंप दे.

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