मानव विकास सूचकांक में भारत ऊपर चढ़ा, अब 130वें स्थान पर
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मानव विकास सूचकांक में भारत ऊपर चढ़ा, अब 130वें स्थान पर

भारत मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) के मामले में अब भी निचले पायदान पर बना हुआ है। यूएनडीपी के ताजा रिपोर्ट में यह पिछली रिपोर्ट की तुलना में एक पायदान ऊपर चढ़कर 130वें स्थान पर आ गया है। जीवन प्रत्याशा में सुधार और प्रति व्यक्ति आय बढ़ने से एचडीआई में भारत की स्थिति सुधरी है।

मानव विकास सूचकांक में भारत ऊपर चढ़ा, अब 130वें स्थान पर

नयी दिल्ली : भारत मानव विकास सूचकांक (एचडीआई) के मामले में अब भी निचले पायदान पर बना हुआ है। यूएनडीपी के ताजा रिपोर्ट में यह पिछली रिपोर्ट की तुलना में एक पायदान ऊपर चढ़कर 130वें स्थान पर आ गया है। जीवन प्रत्याशा में सुधार और प्रति व्यक्ति आय बढ़ने से एचडीआई में भारत की स्थिति सुधरी है।

संयुक्त राष्ट्र विकास कार्यक्रम (यूएनडीपी) द्वारा सोमवार को जारी मानव विकास रिपोर्ट, 2015 में 188 देशों की सूची में भारत 130वें स्थान पर हैं। यह रैंकिंग 2014 के लिये है। ताजा रिपोर्ट के अनुसार भारत 131वें स्थान से 130वें सथान पर आया है। वर्ष 2009 से 2014 के बीच भारत का एचडीआई रैंक छह स्थान सुधरा है।

रिपोर्ट के साथ जारी एक नोट में कहा गया है, भारत का एचडीआई मूल्य 2014 में 0.609 रहा और 188 देशों एवं क्षेत्रों की सूची में 130वें स्थान रहा। इसके साथ देश मानव विकास पैमाने पर मध्यम श्रेणी के देशों में आ गया है। इसके अनुसार, 1980-2014 के बीच भारत का एचडीआई मूल्य 0.362 से बढ़कर 0.609 पर पहुंचा है। यह 68.1% वृद्धि को बताता है। औसतन सालाना वृद्धि 1.54% रही।

सूची में नार्वे पहले स्थान पर है जबकि ऑस्ट्रेलिया एवं न्यूजीलैंड क्रमश: दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं। रिपोर्ट के अनुसार बांग्लादेश तथा पाकिस्तान सूची में 142वें और 147वें स्थान पर हैं। ब्रिक्स देशों में भारत सबसे नीचे है। ब्रिक्स के अन्य देश ब्राजील, रूस, चीन एवं दक्षिण अफ्रीका हैं।

एचडीआई देश में मूल मानव विकास उपलब्धियों का औसत मापक है। यह मानव विकास के तीन मूल आयामों लंबा और स्वस्थ्य जीवन, ज्ञान तक पहुंच और उपयुक्त जीवन स्तर में दीर्घकालीन प्रगति के आकलन को मापता है। जन्म के समय जीवन प्रत्याशा 2014 में 68 वर्ष रहा जो पिछले 67.6 तथा 1980 में 53.9 वर्ष था।

प्रति व्यक्ति सकल राष्ट्रीय आय (जीएनआई) 2014 में 5,497 डॉलर रही जो 2014 में 5,180 डॉलर तथा 1980 में 1,255 डॉलर थी। 1980 से 2014 के बीच देश की प्रति व्यक्ति जीएनआई में 338% की वृद्धि हुई। यूएनडीपी की रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि भारत में 2011 से स्कूली पढाई के प्रत्याशित वर्ष 11.7 वर्ष के स्तर पर बने हुए हैं। साथ ही स्कूली पढाई की का औसत वर्ष 2010 से 5.4 के स्तर पर कायम है। वर्ष 1980 से 2014 के बीच देश में लोगों का जन्म के समय जीवन प्रत्याशा 14.1 वर्ष बढ़ी है। वहीं इसी दौरान स्कूली शिक्षा का औसत वर्ष 3.5 साल तथा प्रत्याशित वर्ष 5.3 वर्ष बढ़ा।

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