उपचुनाव में हार के बीच मोदी सरकार के लिए वर्ल्ड बैंक से आई बड़ी खुशखबरी
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उपचुनाव में हार के बीच मोदी सरकार के लिए वर्ल्ड बैंक से आई बड़ी खुशखबरी

यूपी और बिहार के उपचुनाव में हार मिलने के बाद मोदी सरकार के लिए वर्ल्ड बैंक की तरफ से राहत देने वाली खबर आई है.

उपचुनाव में हार के बीच मोदी सरकार के लिए वर्ल्ड बैंक से आई बड़ी खुशखबरी

नई दिल्ली : यूपी और बिहार के उपचुनाव में हार मिलने के बाद मोदी सरकार के लिए वर्ल्ड बैंक की तरफ से राहत देने वाली खबर आई है. वर्ल्ड बैंक की तरफ से बुधवार को कहा गया कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) और विमुद्रीकरण के चलते निचले स्तर पर पहुंचने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था की विकास दर वित्त वर्ष 2019-20 तक वापस 7.5 फीसदी बनी रह सकती है. वर्ल्ड बैंक की तरफ से कहा गया कि भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) वृद्धि दर वित्त वर्ष 2017-18 में बढ़कर 7.3 प्रतिशत होने का अनुमान है. आगे वित्त वर्ष 2018-19 और 2019-20 में क्रमश: विकास दर 7.5 फीसदी बनी रह सकती है.

  1. वर्ष 2019 -20 तक वापस 7.5 फीसदी बनी रह सकती है विकास दर
  2. 2017-18 में जीडीपी का बढ़कर 7.3 प्रतिशत होने का अनुमान
  3. थोक मुद्रास्फीति सात महीने में सबसे कम 2.48 प्रतिशत रही

भारत में आर्थिक विकास को लेकर आई ताजा रिपोर्ट में कहा गया है कि 8 प्रतिशत की विकास दर हासिल करने के लिए साख, निवेश और भारत के निर्यात क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा बढ़ाने से जुड़े मसलों का समाधान करने के मकसद से लगातार सुधार लाना होगा. बैंक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'विकास दर बढ़ाने के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था के साथ लगातार अनुकूल माहौल बनाए रखना होगा.'

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थोक मुद्रास्फीति में सात महीने में सबसे कम
इससे पहले बुधवार को खाद्य वस्तुओं और सब्जियों की कीमत में नरमी के कारण थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति फरवरी में सात महीने के निचले स्तर 2.48 प्रतिशत पर आ गई है, जबकि जनवरी में थोक मुद्रास्फीति 2.84 प्रतिशत और फरवरी 2017 में 5.51 प्रतिशत थी. फरवरी में थोक मुद्रास्फीति का 2.48 प्रतिशत पर रहना सात माह का निम्न स्तर है. पिछला निम्न स्तर जुलाई में 1.88 प्रतिशत दर्ज किया गया था.

मोटे अनाज और गेहूं के दामों में भी नरमी
बुधवार को जारी हुए सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, खाद्य वस्तुओं की मुद्रास्फीति फरवरी में गिरकर 0.88 प्रतिशत पर आ गई है, जनवरी में थोक खाद्य मुद्रास्फीति तीन प्रतिशत थी. आलोच्य माह में सब्जियों की मुद्रास्फीति में नरमी रही. सब्जियों की थोक मुद्रास्फीति फरवरी में 15.26 प्रतिशत रही जो जनवरी में 40.77 प्रतिशत थी. फरवरी में दाल- दलहनों के दाम पिछले साल की तुलना में 24.51 प्रतिशत नीचे चल रहे थे. इसी तरह मोटे अनाज और गेहूं के दामों में भी नरमी रही.

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अंडे, मांस और मछली की थोक कीमतों में भी गिरावट रही. आंकड़ों के मुताबिक, ईंधन और बिजली वर्ग में भी फरवरी में मुद्रास्फीति नरम होकर 3.81 प्रतिशत रही. जनवरी में इस वर्ग की मुद्रास्फीति 4.08 प्रतिशत थी. विनिर्मित वस्तुओं के वर्ग में कीमत में सालाना आधार पर वृद्धि दर जनवरी के मुकाबले फरवरी में अधिक रही. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय (सीएसओ) के मंगलवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक फरवरी में खुदरा मुद्रास्फीति गिरकर चार महीने के निचले स्तर 4.44 प्रतिशत पर थी.

(इनपुट एजेंसी से)

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