अगर आप भी अक्सर एसी कोच में सफर करते हैं तो रेलवे की तरफ से दी जाने वाली यह सुविधा आपको खुश कर देगी. दरअसल रेलवे की तरफ से यात्री सुविधाओं पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है.
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नई दिल्ली : अगर आप भी अक्सर एसी कोच में सफर करते हैं तो रेलवे की तरफ से दी जाने वाली यह सुविधा आपको खुश कर देगी. दरअसल रेलवे की तरफ से यात्री सुविधाओं पर लगातार ध्यान दिया जा रहा है. इसके लिए पिछले कुछ दिनों में कई बदलाव किए गए हैं. आपको बता दें कि 2017 में आई कैग रिपोर्ट में रेलवे की कई खामियों की तरफ इशारा किया गया था. इस रिपोर्ट में खाने की खराब क्वालिटी के साथ ही कंबलों का गंदा होने की बात बताई गई थी. सफर में गंदे कंबल को ओढ़ने में काफी परेशानी होती है.
छह माह से नहीं धुले कंबल
कैग की रिपोर्ट में यह भी कहा गया था कि कई रेल मंडलों में यह कंबल छह माह से नहीं धुले मिले. अब रेलवे ने ऐसी समस्या से बचने के लिए नया कदम उठाया है. नई सुविधा के तहत अब एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों के कंबलों को अब महीने में दो बार धुला जाएगा. रेलवे की तरफ से ट्रेन में अब वॉशेबल कंबल मुहैया कराए जाएंगे. इन कंबलों को आराम से धोया जा सकता है.
फिलहाल दो महीने में एक बार धोने का नियम
फिलहाल ट्रेन में मिलने वाले कंबलों को दो महीने में एक बार धोने का नियम है. साथ ही अब ट्रेन में ज्यादा पुराने कंबल भी यात्रियों को नहीं मिलेंगे. इसके अलावा ट्रेनों में कंबलों के गंदे होने की शिकायतों से परेशान रेलवे ने कंबलों को धीरे-धीरे बदलने की योजना भी तैयार की है. रेलवे बोर्ड की तरफ से दिए गए एक आदेश में कहा गया कि ट्रेनों के एसी डिब्बों में ऊनी कंबलों की जगह अच्छी गुणवत्ता वाले नायलान के कंबल मिलेंगे.
एक महीने में दो बार धुलेंगे कंबल
रेलवे के आदेश में कंबलों को प्रत्येक दो महीनों में एक बार की बजाय एक महीने में दो बार धोने का निर्देश भी दिया गया. रेलवे बोर्ड द्वारा जारी संशोधित आदेश के अनुसार, एसी डिब्बों में यात्रियों को दिये जाने वाले कंबल साफ सुथरे तथा ग्रीस, साबुन या किसी अन्य चीज से मुक्त होने चाहिये ताकि वे कड़क रह सकें.
450 ग्राम वाले नये कंबल 60 प्रतिशत ऊनी और 15 प्रतिशत नायलान के बने होंगे. रेलवे बोर्ड ने एसी डिब्बों के लिये उच्च गुणवत्ता वाले हल्के कंबल को हरी झंडी दिखाई है. फिलहाल 2.2 किलोग्राम वजन वाले कंबल छोटे आकार के हैं और इन्हें चार साल तक प्रयोग किया जाता है.