अगर सबकुछ ठीक रहता है तो 15 महीने के बाद जीडीपी दर वापस 7 फीसदी के ऊपर पहुंच जाएगी. उधर, सरकार को खुश करने वाली इस खबर से आलोचकों के मुंह पर भी ताला लग जाएगा.
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नई दिल्ली: नोटबंदी और जीएसटी से अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ी, लेकिन मोदी सरकार पर लगातार ये भरोसा दिलाती रही कि लंबी अवधि के लिए ये दोनों ही कदम कारगार साबित होंगे. अब मोदी जी को इस खुशखबरी का इंतजार है कि जीडीपी दर 7 फीसदी के ऊपर कब जाती है. क्योंकि, फाइनेंस सर्विस कंपनी नोमुरा ने जनवरी से मार्च के बीच देश की जीडीपी दर में बड़े सुधार की संभावनाएं जताई हैं. नोमुरा का मानना है कि अगली तिमाही में जीडीपी दर 7 फीसदी का आंकड़ा छू सकती है. अगर सबकुछ ठीक रहता है तो 15 महीने के बाद जीडीपी दर वापस 7 फीसदी के ऊपर पहुंच जाएगी. नोमुरा के इस आकलन से सरकार के आलोचकों के मुंह पर भी ताला लग सकता है.
15 माह में पहली बार 7% से ऊपर जाएगी जीडीपी
फाइनेंस सर्विस कंपनी नोमुरा ने जनवरी से मार्च के बीच देश की जीडीपी दर में बड़े सुधार की संभावनाएं जताई है. आकलन है कि 5 तिमाही यानी 15 माह के बाद जीडीपी फिर 7% से ऊपर जा सकती है. वैसे पिछले साल जुलाई-सितंबर (सबसे ताजा अंकड़े) में यह महज 6.3% रही है. वहीं अक्टूबर से दिसंबर में इसके 6.7 रहने का अनुमान है.
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महंगाई दर कम रही तो ब्याज दरें होंगी कम
रीटेल महंगाई पिछले साल नवंबर में 15 महीने के सबसे ऊंचे स्तर 4.88% पर थी. जबकि अक्टूबर 2017 में 3.58% थी. हालांकि रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में इजाफे की आशंका नहीं है. जानकारों का मानना है कि महंगाई दर 5 फीसदी से कम रही तो ब्याज दरें घटाई भी जा सकती हैं.
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जीएसटी में जारी रहेगा संशोधनों का दौर
वर्ष 2017 में अस्तित्व में आए देश के सबसे बड़े कर सुधार गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) में लागू होने के बाद से ही संशोधन का दौर जारी है. जीएसटी में संशोधन इस वर्ष भी जारी रहेंगे. सबकी निगाह इस बात पर रहेगी कि गुड्स के लिए जारी 12 और 18 फीसदी के टैक्स स्लैब को मिलाकर कोई एक नई दर जीएसटी काउंसिल लाती है क्या?
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