'अगर आपके पास देश के श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार का फोन आए तो चौंकिएगा नहीं'
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'अगर आपके पास देश के श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार का फोन आए तो चौंकिएगा नहीं'

केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने देशभर में 20 कंट्रोल रूम बनाए हैं.

'अगर आपके पास देश के श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार का फोन आए तो चौंकिएगा नहीं'

नई दिल्‍ली: केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्रालय ने देशभर में 20 कंट्रोल रूम बनाए हैं. इन कंट्रोल रूम के मोबाइल और ईमेल पर नौकरी, मजदूरी, सैलरी, पीएफ से संबंधित शिकायत बताने को कहा जा रहा है.शिकायत आने के बाद उस शिकायत या समस्या के निपटारे के लिए 48 घंटे का समय दिया गया है और सबसे खास बात ये कि शिकायत निपटाने के बाद आप संतुष्ट हुए या नहीं, इसके लिए भी आपके पास फोन आएगा. मंत्रालय के कंट्रोल रूम के नियम ये कहते हैं कि हरेक राज्य के नोडल अधिकारी दिन में 5 कॉल करेंगे कि आप समस्या समाधान से संतुष्ट हैं या नहीं.

  1. श्रम मंत्रालय ने बनाए 20 कंट्रोल रूम
  2. नौकरी, पीएफ से जुड़ी शिकायतें कर सकते हैं
  3. नोडल अधिकारी एक दिन में करेंगे 5 कॉल

इसी तरह केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री के ओएसडी (ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी) दिन में 3 कॉल करेंगे और पूछेंगे कि आपको समाधान मिला है या नहीं और तो और केंद्रीय श्रम और रोजगार मंत्री संतोष कुमार गंगवार दिन में 5 लोगों को कॉल करके यह पूछेंगे कि आप समस्या के समाधान से खुश हैं या नहीं.

कंट्रोल रूम की जिम्मेदारी हरेक राज्य के चीफ लेबर कमिश्नर के जिम्मे है. मोबाइल नंबर और ईमेल नंबर लोगों के लिए खोल दिए गए हैं ताकि अगर किसी की नौकरी बेवजह ली जा रही हो, या मजदूरी ,सैलरी की कोई समस्या हो ,पीएफ निकालने में दिक्कत आ रही हो, EPFO,ESIC से संबंधित कोई समस्या आ रही हो तो लोग अपनी बात रख सकें.

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इसके साथ ही श्रम मंत्रालय की गाइडलाइन में सभी श्रम और रोजगार संबंधित विभागों और लेबर कमिश्नर्स को ये निर्देश दिए गए हैं कि वह केवल खानापूर्ति या नाम के लिए ही लोगों की समस्या समाधान का डेटा ना बनाएं बल्कि कोरोना के चलते परेशानी में पड़े लोगों की सही में मदद करें. प्रधानमंत्री कार्यालय से भी ये निर्देश हैं कि मानवीयता दिखाते हुए समस्या का तुरंत समाधान करें.

इसका असर भी दिखने लगा है अब ईपीएफओ ने ऐसे लोगों का रिकॉर्ड रखना शुरू कर दिया है जिन की समस्याएं हल हुई है.

सक्‍सेज स्‍टोरीज
अरुणाचल प्रदेश के अविनाश सोनार को पैसों की ज़रूरत थी. पीएफ निकालने के लिए अप्लाई किया तो EPFO ने पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत चार दिन के अंदर उनके अकाउंट में पीएफ का पैसा डाल दिया. इसी तरह राजामुंदरी (आंध्र प्रदेश) के कोमार्थी श्रीनिवास चक्रवर्ती के अकाउंट में एक दिन में पीएफ का पैसा आ गया. EPFO ने इस बात की तस्दीक करने के लिए इन लोगों से वीडियो और मैसेज पर कन्फर्मेशन भी मांगे .

इसी तरह अलग-अलग कंपनियों और संस्थाओं से भी उनकी संतुष्टि के बारे में फीडबैक मांगे गए, जैसे कि छत्तीसगढ़ की लघु उद्योग भारती ने बाकायदा लंबा चौड़ा पत्र लिखकर अपने सदस्यों के पीएफ मामले तुरंत निपटारे के लिए धन्यवाद पत्र लिखा.

श्रम मंत्रालय के मुताबिक पिछले 15 दिन में 10 लाख लोगों को 3600 करोड़ रुपए का पीएफ दे दिया गया है. इसमें से पीएम कल्याण योजना वाले 6 लाख लोगों के करीब 2000 करोड़ भी शामिल हैं. वहीं 100 कर्मचारियों वाली फर्म में 15000 की सैलरी वालों का पीएफ का 24% हिस्सा सरकार ही भर रही है, इसके अलावा कंपनियों को पीएफ काटने के बाद उसे सरकार के पास जमा कराने के लिए 1 महीने अतिरिक्‍त दिए हैं. कंट्रोल रूम की सुविधा भी इसलिए ही दी गई है ताकि वर्कर की हर तरह की समस्या का निपटारा हो.

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