उत्तर कोरिया में सर्वोच्च नेता बनना सबके बस की बात नहीं है क्योंकि इसके लिए आपको एक खास वंश से आना होगा जिसे तथाकथित बेकडू वंश कहा जाता है.
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ज्वालामुखी, एक ऐसा लफ्ज, जिसे सुनते ही खौफनाक कुदरती कहर की तस्वीर सामने आ जाती है. सदियों से पृथ्वी पर कितने ही ज्वालामुखियों को अचानक फटते देखा गया है. अमेरिका में सबसे ज्यादा ज्वालामुखी को फटते देखा गया है. अमेरिका ही वो देश है जो ज्वालामुखी के फटने से सबसे ज्यादा घबराता है. इस बार अमेरिका के हवाई द्वीप में फटे ज्वालामुखी का जो मंजर सामने आया वो वाकई खौफनाक है. करीब 200 फुट ऊंची निकली आग और उसके लावा ने आसपास की हर चीज को राख में बदल दिया. लेकिन, वहीं दूसरी तरफ उत्तर कोरिया है, जहां का प्रमुख नेता किम जोंग उन के लिए ज्वालामुखी से खेलना मानो रोज की बात हो. एक तरफ अमेरिका को ज्वालामुखी डराता है तो दूसरी तरफ किम जोंग उन उसी पर खड़े होकर मुस्कुराता है.
बेकडू वंश से आते हैं किम जोंग-उन
उत्तर कोरिया में सर्वोच्च नेता बनना सबके बस की बात नहीं है क्योंकि इसके लिए आपको एक खास वंश से आना होगा जिसे तथाकथित बेकडू वंश कहा जाता है. आधिकारिक रूप से, किम जोंग-उन इसी बेकडू वंश से आते हैं. ऐसा माना जाता है कि ये वंश चीन और उत्तर कोरिया के बीच एक जाग्रत ज्वालामुखी से जुड़ा हुआ है. उत्तर कोरिया के पिछले तीन सर्वोच्च शासक इसी वंश से आए हैं.
उत्तर कोरिया का पवित्र ज्वालामुखी
इस ज्वालामुखी क्षेत्र को उत्तर कोरिया से लेकर दक्षिण कोरिया में पवित्र स्थान माना जाता रहा है. इसके साथ ही दोनों देशों के लिए इस जगह का आध्यात्मिक महत्व है. इसके आध्यात्मिक महत्व का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीते शुक्रवार जब उत्तर कोरियाई शासक किम जोंग-उन और दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन के बीच एक ऐतिहासिक मुलाकात हुई तब इस ज्वालामुखी का जिक्र किया गया था.
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राष्ट्रपति मून जाना चाहते हैं ज्वालामुखी
दक्षिण कोरियाई राष्ट्रपति मून जे-इन ने किम जोंग-उन से इस पवित्र जगह पर जाने की इच्छा जताई. वहीं, किम जोंग-उन ने कहा कि "मैं खराब रास्ते को लेकर बेहद शर्मिंदा हूं." उत्तर कोरियाई नेता की ओर से ये स्वीकार करना काफी दुर्लभ था.
भौगौलिक रूप से अहम है बेकडू
बीबीसी के मुताबिक, चीन में चंगबाई के नाम से चर्चित इस पर्वत की ऊंचाई 2,744 मीटर है, जो इस प्रायद्वीप का सबसे ऊंचा पर्वत है. ये पर्वत भौगोलिक रूप से भी काफी अहम है. कुछ साल पहले वैज्ञानिकों ने इस ज्वालामुखी में होने वाले विस्फोटों का आकलन करने के लिए जांच की थी.
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कोरियाई लोगों की उत्पत्ति हुई
उत्तर कोरियाई नेतृत्व पर नजर रखने वाली संस्था के निदेशक माइकल मेडन के मुताबिक, 'ऐसा माना जाता है कि यही वो जगह है जहां से कोरियाई लोगों की उत्पत्ति हुई है जो इसे एक ऐतिहासिक जगह बनाता है.' बेकडू पर्वत उत्तर कोरियाई के कोट ऑफ आर्म्स और राष्ट्रगान के पहले पैराग्राफ में भी नजर आता है.
बेकडू का 'किम' कनेक्शन
इस ज्वालामुखी का पहला रिश्ता किम जोंग-उन के दादा यानी किम इल सुंग से शुरू होता है, जिन्होंने उत्तर कोरिया में साम्यवादी राष्ट्र की स्थापना की थी. दरअसल, किम इल सुंग ने बेकडू पर्वतों में ही जापानी साम्राज्यवादी ताकतों के खिलाफ गुरिल्ला युद्ध किया था. उस वक्त कोरिया पर जापान का कब्जा हुआ करता था. यहीं से इस मिथक की शुरुआत हुई और इसके बाद किम जोंग-इल के समय में ये भ्रम बढ़ाया गया. किम जोंग-इल की आधिकारिक आत्मकथा "डियर लीडर" में उनके बेकडू पर्वत में स्थित कोरियाई कैंप में पैदा होने की बात दर्ज है.