कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोत्तरी के खिलाफ भारत बंद किया तो सत्ताधारी बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कुछ इंफोग्राफिक्स शेयर किए हैं.
Trending Photos
नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी के खिलाफ मुख्य विपक्षी कांग्रेस जमीन पर विरोध करने के बाद अब सोशल मीडिया पर बीजेपी से दो-दो हाथ कर रही है. कांग्रेस ने पेट्रोल-डीजल के दाम में बढ़ोत्तरी के खिलाफ भारत बंद किया तो सत्ताधारी बीजेपी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से कुछ इंफोग्राफिक्स शेयर किया. इन इंफोग्राफिक्स में इस तरह से आंकड़े दर्शाए गए हैं कि कांग्रेस की सरकार के मुकाबले मौजूदा वक्त में पेट्रोलियम उत्पाद सस्ते हैं. इसके जवाब कांग्रेस की ओर से भी इंफोग्राफिक्स शेयर किए गए. बीजेपी के पोस्ट पर आम जनता भी कूद पड़ी और ज्यादातर लोग इसे भ्रामक और झूठा ठहराने लगे.
बीजेपी के इंफोग्राफिक्स में दिखाया गया है कि यूपीए के दौर में कच्चे तेल की कीमतों के मुकाबले पेट्रोल-डीजल महंगा था, जबकि बीजेपी के राज में कच्चे तेल के भाव तब से ज्यादा हैं फिर पेट्रोल-डीजल के दाम नियंत्रित हैं. बीजेपी की ओर से किए पोस्ट के मुताबिक 16 मई 2009 से लेकर 16 मई 2014 तक कांग्रेस की अगुवाई वाली यूपीए सरकार के दौरान पेट्रोल की कीमतों में 75.8 फीसदी की बढ़ोतरी हुई थी. कीमत 40.62 रुपये से बढ़कर 71.41 रुपये तक पहुंच गई. लेकिन बीजेपी शासन में 16 मई 2014 से लेकर 10 सितंबर 2018 तक दामों में बढ़ोतरी 13 फीसदी ही रही. पेट्रोल की कीमत 71.41 रुपये से बढ़कर 80.73 रुपये तक पहुंची है.
पेट्रोल के दामों में बढ़ोतरी का सच! pic.twitter.com/Lw2kT764rT
— BJP (@BJP4India) September 10, 2018
डीजल के दामों में बढ़ोतरी का सच! pic.twitter.com/zwdK27OLq5
— BJP (@BJP4India) September 10, 2018
इसी तरह डीजल के दाम में भी 2009 से 2014 तक यूपीए सरकार के दौरान डीजल के दाम में 83.7 फीसदी की बढ़ोतरी हुई. कीमत 30.86 रुपये से बढ़कर 56.71 रुपये तक पहुंच गई. वहीं बीजेपी शासन में 16 मई 2014 से लेकर 10 सितंबर 2018 तक दामों में बढ़ोतरी 28 फीसदी ही रही. डीजल की कीमत 56.71 रुपये से बढ़कर 72.83 रुपये पहुंची.
इसके जवाब में कांग्रेस ने भी बिल्कुल बीजेपी की तरह का ही इंफोग्राफिक्स ट्वीट किया. हालांकि इसमें कांग्रेस ने अपने हिसाब से कच्चे तेल की कीमतों और पेट्रोल-डीजल के भाव का अनुपात दिखाया है. कांग्रेस के ट्वीट में बताया गया है कि 16 मई 2009 से लेकर 16 मई 2014 के बीच जब पेट्रोल की कीमत 40.62 रुपये से बढ़कर 71.41 रुपये हुई, उस दौरान कच्चे तेल की कीमत में 84 फीसदी का इजाफा हुआ. वही मोदी सरकार में 16 मई 2014 से 10 सितंबर 2018 के बीच कच्चे तेल के दाम 34 फीसदी घटते हुए 107 डॉलर प्रति बैरल से 71 डॉलर प्रति बैरल हो गया. इसके बावजूद भी पेट्रोल के दाम में इजाफा हुआ और पेट्रोल 71 रुपये से बढ़कर 80 के पार पहुंच गया.
There! Fixed it for you @BJP4India#MehangiPadiModiSarkar pic.twitter.com/kbKBjUi0M7
— Congress (@INCIndia) September 10, 2018
There! Fixed it for you @BJP4India#MehangiPadiModiSarkar pic.twitter.com/kbKBjUi0M7
— Congress (@INCIndia) September 10, 2018
पेट्रोल-डीजल की बढ़ी कीमतों पर मचे घमासान के बीच बीजेपी-कांग्रेस के बीच खुद के राज को बेहतर बनाने की होड़ मची है. सोमवार को भारत बंद के दौरान देशभर में विपक्षी पार्टियों ने विरोध-प्रदर्शन किए, वहीं बीजेपी ने इसे पूरी तरह फ्लॉप करार दिया. बीजेपी ने आरोप लगाया है कि कांग्रेस ने लोगों को जबरदस्ती भारत बंद में शामिल कराया. लोग अपनी इच्छा से भारत बंद में समर्थन नहीं कर रहे थे. वहीं विपक्षी पार्टियों का कहना है कि देशभर में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बेतहाशा बढ़ोत्तरी से परेशान लोगों ने उनके साथ खड़े होकर सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कराया.