अमेरिकी प्रतिबंध झेल रहे ईरान से भी आपूर्ति कम होने के आसार हैं. इसलिए घरेलू बाजार में पेट्रोल के दाम 100 रुपए पार हो सकते हैं.
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नई दिल्ली: पेट्रोल-डीजल की कीमतों के थमने का आसार अभी कम हैं. पेट्रोल 100 रुपए प्रति लीटर के पार पहुंच सकता है. वहीं, डीजल भी नया रिकॉर्ड बनाएगा. अंतरराष्ट्रीय बाजार में हो रही उथल-पुथल का असर भारत में भी देखने को मिलेगा. दरअसल, अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड के दाम 81 डॉलर पहुंच गया है. क्रूड का यह 4 साल का उच्चतम स्तर है. कीमतों में तेजी के पीछे प्रमुख कारण है कि तेल उत्पादक देशों ने उत्पादन बढ़ाने से इनकार कर दिया है. इस फैसले के बाद क्रूड के दाम में उछाल देखने को मिला. वहीं, अमेरिकी प्रतिबंध झेल रहे ईरान से भी आपूर्ति कम होने के आसार हैं. इसलिए घरेलू बाजार में पेट्रोल के दाम 100 रुपए पार हो सकते हैं.
सऊदी और रूस के बयान से
ओपेक के सबसे बड़े उत्पादक सऊदी अरब और रूस ने बयान जारी कर कहा है कि वह क्रूड का उत्पादन नहीं बढ़ाएंगे. रूस ने कहा है कि बाजार में अतिरिक्त कच्चे तेल की जरूरत नहीं है. Opec देशों ने कहा कि प्रतिबंध से प्रभावित ईरान से आपूर्ति में होने वाली किसी भी कमी को पूरा करने के लिए वह उत्पादन नहीं बढ़ाएंगे. इसके बाद क्रूड के दाम में 2 डॉलर प्रति बैरल का इजाफा देखने को मिला और यह 81 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया. ओपेक के इस फैसले से भारत में पेट्रोल और डीजल की कीमतें और बढ़ने की आशंकाएं पैदा हो गई हैं.
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90 के पार निकल चुका है पेट्रोल
मंगलवार को मुंबई में पेट्रोल की कीमत 90.22 रुपए प्रति लीटर हो गई, जबकि डीजल बढ़कर 78.69 रुपए प्रति लीटर हो गया. दिल्ली में पेट्रोल की कीमतें 82.86 और और डीजल 74.12 रुपए प्रति लीटर पर पहुंच गया है. सरकार पहले ही खजाने की हालत का हवाला देकर एक्साइज ड्यूटी घटाने से मना कर चुकी है. सीनियर एनालिस्ट अरुण केजरीवाल के मुताबिक, अमेरिकी प्रतिबंधों के कारण ईरान से आपूर्ति घटने के बाद कीमत 100 डॉलर प्रति बैरल के पार जाने के आसार नजर आ रहे हैं.
4 साल के उच्चतम स्तर पर क्रूड
नवंबर, 2014 के बाद ऐसा पहली बार है कि ब्रेंट क्रूड 80 डॉलर प्रति बैरल के पार गया है. वहीं, ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध लागू होने की तारीख 4 नवंबर नजदीक आ रही है. यही वजह है कि कच्चे तेल के बाजार में दबाव बढ़ रहा है. मार्केट एक्सपर्ट्स का मानना है कि 4 नवंबर के बाद हालात और बिगड़ सकते हैं. भारत में ईरान से बड़ी मात्रा में कच्चा तेल आयात होता है. इसलिए भारत पर इसका असर सीधे तौर पर पड़ेगा. भारत अपनी जरूरत का करीब 83 फीसदी क्रूड इंपोर्ट करता है. वहीं, डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोर हो रहे रुपये की वजह से भी भारत के लिए मुश्किलें बढ़ रही हैं.
85 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है भाव
ब्लूमबर्ग के मुताबिक, दिसंबर तक क्रूड के दाम 90 डॉलर प्रति बैरल को छू सकते हैं. वहीं, 2019 की शुरुआत में यह 100 $ प्रति बैरल तक जा सकता है. ऐसे में भारत में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में इजाफा तय माना जा रहा है. वहीं, एनालिस्ट का मानना है कि अगले कुछ दिन में ही कच्चा तेल 85 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच सकता है. इससे शॉर्ट टर्म में ब्रेंट क्रूड 85 डॉलर प्रति बैरल तक जा सकता है. वहीं घरेलू स्तर पर पेट्रोल-डीजल की कीमतों में 2 से 3 रुपए की बढ़ोतरी हो सकती है.