10 अक्टूबर के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में चल रहा राहत का सिलसिला फिलहाल थमता हुआ नजर आ रहा है. पिछले तीन दिन से स्थिर चल रही पेट्रोल और डीजल की कीमत में गुरुवार को इजाफा देखा गया.
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नई दिल्ली : 10 अक्टूबर के बाद से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में चल रहा राहत का सिलसिला फिलहाल थमता हुआ नजर आ रहा है. पिछले तीन दिन से स्थिर चल रही पेट्रोल और डीजल की कीमत में गुरुवार को इजाफा देखा गया. इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमतें बढ़ने का असर घरेलू बाजार में भी दिखाई दिया और पेट्रोल 38 पैसे बढ़कर 68.88 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गया. इसी तरह डीजल में भी 29 पैसे का इजाफा देखा गया. इसी के साथ दिल्ली में डीजल 62.53 रुपये प्रति लीटर हो गया.
चार महानगरों में ये रही कीमत
गुरुवार को चेन्नई में पेट्रोल में 40 पैसे और कोलकाता व मुंबई में 37 पैसे प्रति लीटर का इजाफा देखा गया. इसके साथ ही दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में पेट्रोल क्रमश: 68.88 रुपये, 71.01 रुपये, 74.53 रुपये और 71.47 रुपये के स्तर पर पहुंच गया. वहीं डीजल दिल्ली व कोलकाता में 29 पैसे और मुंबई व चेन्नई में 31 पैसे प्रति लीटर महंगा हो गया. इस बढ़ोतरी के साथ ही दिल्ली, कोलकाता, मुंबई और चेन्नई में डीजल क्रमश: 62.53 रुपये, 64.30 रुपये, 65.43 रुपये और 66.01 रुपये प्रति लीटर के स्तर पर पहुंच गया.
आने वाले दिनों में और बढ़ सकते हैं दाम
कच्चे तेल की कीमत में इजाफा होने से पेट्रोल और डीजल की कीमतों में और तेजी आ सकती है. इंटरनेशनल मार्केट में क्रूड ऑयल की कीमत 60 डॉलर के पार पहुंच गई हैं. पिछले दिनों यही कीमतें 50 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गई थी. इसके बाद तेल कंपनियों ने घरेलू बाजार में पेट्रोल व डीजल की कीमतों में कमी की थी. इस कटौती के बाद पेट्रोल एक साल और डीजल करीब 9 महीने के न्यूनतम स्तर पर पहुंच गया था. क्रूड ऑयल महंगा होने से तेल कंपनियों पर पेट्रोल और डीजल की कीमतें बढ़ाने का दबाव बढ़ गया है.
एक तेल कंपनी के वरिष्ठ अधिकारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कच्चे तेल में कमी का पूरा फायदा आम लोगों को दिया गया है. अब यदि कच्चे तेल की कीमत बढ़ेगी तो इसका भार भी आम आदमी पर ही डालना पड़ेगा. तेल निर्यातक देशों के संगठन ओपेक के उत्पादन घटाने और वैश्विक स्तर पर मांग बेहतर रहने की संभावना से ब्रेंट क्रूड बढ़कर फिर से 60 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया. मार्च डिलीवरी के लिए ब्रेंट साढ़े तीन सप्ताह में पहली बार 60 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंच गया.