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ड्राइविंग लाइसेंस के लिए RTO जाकर नहीं देना होगा टेस्ट, 1 जुलाई से लागू होंगे नए नियम

नई दिल्ली: कई लोग RTO के चक्कर लगाने के डर से ड्राइविंग लाइसेंस नहीं बनवाते तो कई लोग ड्राइविंग टेस्ट से घबराते हैं. अगर आप भी उन्हीं में से एक हैं तो आपके लिए अच्छी खबर आई है. अब आपको ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने के लिए RTO जाकर टेस्ट देने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय ने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए नए नियम बनाए हैं. आइए जानते हैं इसके बारे में...

क्या हैं नए नियम

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क्या हैं नए नियम

दरअसल, सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय (Ministry of Road Transport & Highways) ने मान्यता प्राप्त ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर्स के लिए नए नियम बनाए हैं. इन सेंटर्स पर कैंडिडेट्स को हाई क्वालिटी ड्राइविंग ट्रेनिंग दी जाएगी. जो लोग टेस्ट क्लियर कर लेंगे उन्हें ड्राइविंग लाइसेंस बनवाते वक्त RTO में दोबारा से टेस्ट नहीं देना होगा. इन केंद्र पर ट्रेनिंग की तमाम सुविधाओं के साथ ही ड्राइविंग टेस्ट ट्रैक होगा, जिसमें कैंडिडेट्स को हाई क्वालिटी ड्राइविंग ट्रेनिंग दी जाएगी. 

1 जुलाई से जारी होंगे नए नियम

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1 जुलाई से जारी होंगे नए नियम

मंत्रालय ने कहा कि मोटर वाहन कानून, 1988 के तहत इन केंद्रों पर ‘रेमिडियल’ और ‘रिफ्रेशर’ सिलेबस उपलब्ध कराए जाएंगे. इसके अलावा मान्यता प्राप्त ड्राइवर ट्रेनिंग सेंटर्स (Driving Training Centers) के लिए नए नियम बनाए गए हैं. यह नए नियम 1 जुलाई 2021 से लागू हो जाएंगे. 

RTO में नहीं देना होगा ड्राइविंग टेस्ट

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RTO में नहीं देना होगा ड्राइविंग टेस्ट

सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त सेंटर्स पर होने वाले टेस्ट को क्लियर करने के बाद कैंडिडेट्स को ड्राइविंग लाइसेंस के लिए RTO जाकर टेस्ट देने की जरूरत नहीं होगी.

अपना व्हीकल ले जाने की झंझट नहीं

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अपना व्हीकल ले जाने की झंझट नहीं

मान्यता प्राप्त ट्रेनिंग सेंटर्स से वाहन चलाने की ट्रेनिंग पाने के बाद ड्राइवर्स को ड्राइविंग लाइसेंस पाने में आसानी होगी. इसका मतलब साफ है कि अब आपको लाइसेंस से पहले होने वाले टेस्ट के लिए अपनी बाइक या कार नहीं लेकर जानी होगी. 

ट्रेनिंग सेंटरों के लिए नए नियम

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ट्रेनिंग सेंटरों के लिए नए नियम

नए नियमों के मुताबिक उन्हीं ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटरों (Driving Training Centers) को मान्यता दी जाएगी जो जगह, ड्राइविंग ट्रैक, आईटी और बायोमेट्रिक सिस्टम और निर्धारित सिलेबस के अनुसार ट्रेनिंग से जुड़ी जरूरतों को पूरा करेंगे. ट्रेनिंग सेंटर की ओर से एक बार सर्टिफिकेट जारी होने के बाद यह संबंधित मोटर व्हीकल लाइसेंस अधिकारी के पास पहुंच जाएगा और आपको ड्राइविंग लाइसेंस इश्यू कर दिया जाएगा. 

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