रेल मंत्री ने कहा,‘पिछले 65 वर्षों से भी अधिक समय से, जो भी रेलवे बजट आया वह एक राजनीतिक उपकरण था, जो लड़े गये चुनावों और किये गये वादों पर आधारित था.’
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नई दिल्ली: केन्द्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को कहा कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने रेलवे बजट अलग से पेश किये जाने की दशकों पुरानी परम्परा को समाप्त कर दिया ताकि राजनीतिक पार्टियों को चुनाव जीतने के लिए इसे ‘उपकरण' के रूप में इस्तेमाल करने से रोका जा सके.
रेल मंत्री ने यहां पांचवें इंडिया आइडियाज कॉन्क्लेव को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी कई कार्यक्रमों पर ध्यान केन्द्रित कर रहे हैं जो न केवल समावेशी और सतत विकास प्रदान करते हैं, बल्कि भारत को अंतरराष्ट्रीय मंच पर एक मजबूत शक्ति बनाते हैं.
उन्होंने कहा,‘प्रधानमंत्री मोदी ने रेलवे के कामकाज को बदल दिया है. हमने राजनीतिक हस्तक्षेप को हटाने के लिए रेल बजट से छुटकारा पा लिया और उसे प्राथमिकता देना शुरू कर दिया जो केवल एक राजनीतिक वर्ग के लिए नही बल्कि भारत के लिए अच्छा है.’ मंत्री ने कहा,‘पिछले 65 वर्षों से भी अधिक समय से, जो भी रेलवे बजट आया वह एक राजनीतिक उपकरण था, जो लड़े गये चुनावों और किये गये वादों पर आधारित था.’
'बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण का काम दिसम्बर तक पूरा हो जाएगा'
इससे पहले रेल मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को कहा था कि मुम्बई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के लिए भूमि अधिग्रहण का काम इस वर्ष दिसम्बर तक पूरा हो जाएगा.
उन्होंने कहा कि आगरा-वाराणसी, दिल्ली-चंडीगढ़ और मुम्बई-बेंगलुरू समेत पांच और तीव्र गति कॉरिडोर की योजना बनाई गई है.
रेल मंत्री ने ‘द इकोनॉमिस्ट इंडिया समिट 2018’ में कहा कि इस वर्ष दिसम्बर तक पहली बुलेट ट्रेन परियोजना (मुम्बई-अहमदाबाद) के लिए भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पूरी हो जाएगी.
(इनपुट - भाषा)