अमूल ने भारत में श्वेत क्रान्ति की नींव रखी जिससे भारत संसार का सर्वाधिक दुग्ध उत्पादक देश बन गया है. यह सहकारिता आंदोलन का सबसे बड़ा उदाहरण है.
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अहमदाबाद : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज रविवार को अमूल के चॉकलेट प्लांट का उद्घाटन किया. गुजरात के आणंद स्थित इस प्लांट को प्रधानमंत्री ने बटन दबाकर इस प्लांट का लोकार्पण किया. इस मौके पर उन्होंने कहा कि अमूल सिर्फ दूध प्रोसेसिंग का नहीं बल्कि ये सशक्तिकरण का बेहतरीन मॉडल है. खासबात ये है कि इस प्लांट में ऊंटनी के दूध से भी चॉकलेट बनाई जा रही है और इस चॉकलेट की बाजार में भी मांग तेजी से बढ़ रही है. चॉकलेट प्लांट के उद्घाटन के मौके पर प्रधानमंत्री ने कहा कि उनका वर्षों पुराना सपना साकार हो गया है.
दूध की दुनिया में क्रांति लाने वाला अमूल (आणंद सहकारी दुग्ध उत्पादक संघ) अब चॉकलेट की दुनिया में भी धाक जमाने की तैयारी कर रहा है. इसी क्रम में यह प्लांट शुरू किया गया है. यहां ऊंटनी के दूध से भी चॉकलेट तैयार कर उसका वितरण किया जाएगा. अमूल के एक अधिकारी ने बताया कि वैसे तो अमूल 1974 से चॉकलेट का उत्पादन कर रहा है, लेकिन नए प्लांट में नई तकनीक और नए प्रोडेक्ट्स के साथ चॉकलेट बाजार में उतरने की तैयारी की जा रही है. इस प्लांट से चॉकलेट का उत्पादन 5 गुना बढ़ जाएगा. इस प्लांट की क्षमता डेढ़ मीट्रिक टन प्रति घंटे चॉकलेट तैयार करने की है.
इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि दुनिया के 40 से भी ज्यादा देशों में अमूल ब्रांड की एक अलग ही पहचान बन चुकी है. उन्होंने कहा कि जब भी वे किसी विदेशी दौरे पर जाते हैं तो वहां भी कुछ लोग ऐसे मिल जाते हैं जो कहते हैं कि उनके यहां भी अमूल के कुछ उत्पादों की सप्लाई का इंतजाम कर दें.
किसानों के सहकारिता आंदोलन के पुरुषार्थ का परिणाम है कि आज देश और देश के बाहर अमूल एक पहचान, एक प्रेरणा बन गया है, अमूल एक अनिवार्यता बन गया है. उन्होंने कहा कि यह बहुत बड़ी उपलब्धि है. उन्होंने कहा कि यह कोई उत्पादन प्लांट भर नहीं है, बल्कि वैकल्पिक अर्थव्यस्था का मॉडल भी है. यह अर्थव्यस्था का एक ऐसा मॉडल है जो समाजवाद और पूंजीवाद को एक विकल्प देता है. आजादी के एक साल पहले अमूल का विधिवत मॉडल तैयार हुआ था, लेकिन सहकारिकता का आंदोलन उससे भी पहले से चल रहा था.
पौष्टिक होता है ऊंटनी का दूध
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि ऊंटनी का दूध बहुत अधिक पौष्टिक होता है. हमारे बच्चों के विकास के लिए यह बहुत काम आ सकता है. उन्होंने कहा कि जब वह गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तो वे जब ऊंटनी के दूध की बात करते थे तो उनका मजाक उड़ाया जाता था. कार्टून बनते थे, माखौल उड़ाया जाता था. उन्होंने कहा कि आज अमूल ऊंटनी के दूध की चॉकलेट बना रहा है और उसकी मांग भी बहुत अधिक है. उन्होंने बताया कि ऊंटनी की दूध गाय के दूध से भी ज्यादा महंगा बिक रहा है.
ऊंट पालकों को नया बाजार
प्रधानमंत्री ने कहा कि रेगिस्तान के अंदर ऊंट पालन करने वाले पशुपालक को जब ऊंट के दूध का एक नया बाजार मिलेगा तो उसकी रोजी-रोटी का एक नया आधार तैयार होगा. उन्होंने कहा, 'मुझे खुशी है कि आज अमूल ने मेरे इस सपने को साकार कर दिया है.' उन्होंने कहा पौषण के लिए हमारे देश में अभी बहुत कुछ करने की जरूरत है.
सोलर एनर्जी एंड कोआपरेटिव मूमेंट
उन्होंने कहा कि यहां पर खेत में बिजली पैदा करने की भी योजना चलाई जा रही है और यह काम एक सहकारिता के माध्यम से किया जा रहा है. इस काम से जुड़े किसानों को आर्थिक लाभ भी हो रहा है. उन्होंने कहा कि 11 किसानों ने मिलकर यह काम किया है और खेत में पैदा की जा रही बिजली से ना केवल सिंचाई का काम किया जा रहा है, बल्कि शेष बिजली को बेचा भी जा रहा है, जिससे इन 11 किसानों को 50 हजार रुपये की आमदनी हुई है. उन्होंने कहा कि जनधन, वनधन और गोबरधन योजनाओं पर उनकी सरकार काम कर रही है. पशुओं के गोबर से गैस, बिजली और खाद बनाने का काम किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि दो साल बाद अमूल को 75 साल हो जाएंगे. कभी रुकने का नाम अमूल नहीं है. हमेशा चलते रहना और नया करते रहना अमूल की प्रवृति में है. उन्होंने कहा कि वे अमूल 75 साल होने और हिंदुस्तान की आजादी के 75 साल पूरे होने पर अमूल को नए लक्ष्य तय करने चाहिए. देश और दुनिया को कोई नई चीज देने का काम करना होगा. मिल्क प्रोसेसिंग में हम 10वें नंबर पर हैं और अमूल चाहे तो आजादी के 75 साल पर हम इस मामले में तीसरे नंबर पर जा सकते हैं.