भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर पद का कार्यभार संभालने के बाद शक्तिकांत दास बुधवार को पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए. दास ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि रिजर्व बैंक की आजादी और मूल्यों को बरकरार रखेंगे.
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नई दिल्ली : भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर पद का कार्यभार संभालने के बाद शक्तिकांत दास बुधवार को पहली बार मीडिया से मुखातिब हुए. दास ने प्रेस कांफ्रेंस के दौरान कहा कि रिजर्व बैंक की आजादी और मूल्यों को बरकरार रखेंगे. इस दौरान उन्होंने कहा कि बैंकिंग सेक्टर पर तत्काल फोकस करेंगे. आरबीआई एक महान संस्थान है, इसकी लंबी और समृद्ध विरासत है. दास ने कहा सभी मुद्दों का अध्ययन करने में समय लगेगा. आज के समय में निर्णय लेना अधिक जटिल हो गया है. सभी भागीदारों से सलाह बहुत महत्वपूर्ण है, इससे मुद्दों को लेकर हमारी समझ बेहतर होगी.
सरकारी बैंकों के एमडी और सीईओ के साथ बैठक कल
दास ने कहा कि मैंने कल यानी गुरुवार को सरकारी बैंकों के एमडी और सीईओ के साथ मुंबई में एक बैठक बुलाई है. इससे पहले बुधवार सुबह शक्तिकांत दास ने गवर्नर पद का कार्यभार ग्रहण किया. कार्यभार ग्रहण करने के बाद दास ने एक ट्वीट कर कहा, 'भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर की जिम्मेदारी संभाली. आप सभी का शुभकामनाओं के लिए धन्यवाद.' वित्त मंत्री अरुण जेटली ने दास को आरबीआई के शीर्ष पद के लिए 'सही साख' वाला व्यक्ति बताया.
वित्त सचिव भी रह चुके हैं दास
उर्जित पटेल के इस्तीफा देने के बाद आरबीआई के गर्वनर बने शक्तिकांत दास फिलहाल वित्त आयोग के सदस्य हैं. इससे पहले वह वित्त सचिव भी रह चुके हैं. नोटबंदी के वक्त दास ने अहम भूमिका निभाई थी और मीडिया के सामने कई बार सरकार का पक्ष रखा था. दास के कार्यभार ग्रहण करने पर जेटली ने कहा, 'दास एक बहुत वरिष्ठ और अनुभवी नौकरशाह रहे हैं. उनका पूरा कामकाजी जीवन लगभग देश के आर्थिक और वित्तीय प्रबंधन में गुजरा है, भले ही वह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय में कार्यरत रहे हों या तमिलनाडु में राज्य सरकार के साथ काम किया हो.'
'दास बहुत ही पेशेवर व्यक्ति'
जेटली ने कहा कि पटेल के इस्तीफा देने के बाद उनकी नियुक्ति जरूरी थी. उनके हिसाब से दास इस काम के लिए एक दम सही व्यक्ति हैं. वह बहूत ही पेशेवर हैं और कई सरकारों के साथ काम कर चुके हैं. नोटबंदी के समय दास कई बार मीडिया के सामने आए और उन्होंने लगातार सरकार के रुख का समर्थन किया था. दास की दलील थी कि नोटबंदी से कालाधन, नकली नोट और भ्रष्टाचार दूर करने में मदद मिलेगी. लेकिन आरबीआई के गवर्नर के तौर पर कई बड़ी चुनौतियां उनके सामने हैं.