रेलवे का परिचालन व्यय अनुपात घटाना चुनौती : मनोज सिन्हा
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रेलवे का परिचालन व्यय अनुपात घटाना चुनौती : मनोज सिन्हा

रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने आज यहां कहा कि रेल मंत्रालय के सामने सबसे बडी चुनौती परिचालन व्यय अनुपात में कमी लाने की है और फिलहाल उसे 94 से घटाकर 85 प्रतिशत पर लाने के लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा है।

रेलवे का परिचालन व्यय अनुपात घटाना चुनौती : मनोज सिन्हा

लखनऊ : रेल राज्य मंत्री मनोज सिन्हा ने आज यहां कहा कि रेल मंत्रालय के सामने सबसे बडी चुनौती परिचालन व्यय अनुपात में कमी लाने की है और फिलहाल उसे 94 से घटाकर 85 प्रतिशत पर लाने के लक्ष्य के साथ काम किया जा रहा है।

सिन्हा ने आज यहां रेल विभाग के शोध संस्थान अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) के कामकाज की समीक्षा के बाद संवाददाताओं से कहा, 'जब हमारी सरकार आयी तब परिचालन अनुपात 94 था यानी 100 रुपये की कमाई पर चार रुपये की बचत जिसमें रेलवे स्टेशनों को अन्तरराष्ट्रीय स्तर का बनाने से लेकर डबल डेकर ट्रेन चलाने जैसे बहुत से काम करने हैं।'

उन्होंने कहा 'फिलहाल हमारा लक्ष्य परिचालन अनुपात को 94 से घटाकर 85 प्रतिशत पर लाने का है और इसमें कमी लाने के उपाय सुझाने के लिए विशेषज्ञों की एक उच्च स्तरीय समिति का गठन किया गया है।' सिन्हा ने कहा कि ढांचागत सुविधाओं के विकास और संचालन व्यय में कमी लाने के साथ ही 'सुरक्षित रेल यात्रा' सुनिश्चित करना हमारी सबसे बडी चिंता है। इस क्षेत्र में अवस्थापना सुविधा के आधुनिकीकरण के साथ ही अन्य उपाय किये जा रहे हैं।

सिन्हा ने पूर्ववर्ती सरकारों पर तंज करते हुए कहा कि पहले रेलवे कभी बिहार तो कभी बंगाल तो कभी किसी अन्य राज्य को प्राथमिकता पर रख कर काम करता था मगर हमारी सरकार में पूरे देश को लक्ष्य में रख कर काम किया जा रहा है। सुरक्षित रेल यात्रा को प्राथमिकता बताते हुए सिन्हा ने कहा कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार ने रेल सुरक्षा के लिए सुरक्षा कोष (सेफ्टी फंड) बनाया था और अगले बजट में उस निधि को पुन: बनाने के लिए प्रधानमंत्री से आग्रह किया जायेगा।

उन्होंने मानव रहित रेलवे क्रांसिंग को भी सुरक्षा के लिए बडी चुनौती बताते हुए कहा कि फिलहाल देश में ऐसी क्रासिंग की संख्या 10 हजार से उपर है हमारी कोशिश है कि दो साल में उन्हें समाप्त कर दिया जाये या वहां कर्मचारी तैनात कर दिये जायें।

सिन्हा ने कहा कि मोदी सरकार जहां एक ओर बुलेट ट्रेन चलाने की ओर कदम बढ़ा रही है वहीं सुरक्षित यात्रा, रेल गाड़ियों में गुणवत्ता युक्त खानपान सुविधा एवं टिकट विक्रय एवं आरक्षण प्रणाली को आधुनिक तथा सुविधा जनक बनाने की दिशा में भी प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि रेल यात्रियों की संख्या को देखते हुए रेल गाडियों की संख्या पर्याप्त नहीं है और अवस्थापना सुविधाओं के अधिक से अधिक विकास के साथ इस कमी को पूरा करने की कोशिश हो रही है मगर इसमें वक्त लगेगा।

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