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नई दिल्ली: 2015-16 आम बजट में वित्त मंत्री अरुण जेटली ने आम आदमी को राहत कम और झटका ज्यादा दिया है। जेटली ने इनकम टैक्स स्लैब में बदलाव तो नहीं ही किया लेकिन सर्विस टैक्स भी बढ़ा दिया।
2015-16 के आम बजट में सर्विस टैक्स 12.36 फीसदी से बढ़कर 14 फीसदी किया जाएगा। इस ऐलान के साथ ही अब खाने-पीने की अधिकतर चीजें महंगी हो जाएंगी। रेस्टोरेंट, होटलों, ब्यूटी पार्लर, अस्पतालों जैसी जगहों में सर्विस टैक्स के नाम पर ज्यादा पैसे देने होंगे। इसके साथ ही नया घर लेना, मल्टीप्लैक्स में फिल्म देखना और कॉफी शॉप की कॉफी पीनी भी महंगी हो जाएगी
साथ ही सर्विस टैक्स बढ़ने से डेबिट-क्रेडिट कार्ड से भुगतान भी अब महंगा पड़ेगा। मकान का नक्शा बनाना भी महंगा पड़ेगा। अब कोई भी ब्रांडेड सामान लेने पर सर्विस टैक्स देना होगा।
आज 2015-16 के बजट के अनुसार सेवा कर दर को 12 प्रतिशत धन शिक्षा उपकर से बढाकर 14 प्रतिशत करने का प्रावधान किया है। इसके तहत ‘शिक्षा कर’ और ‘माध्यमिक एवं उच्चतम शिक्षा उपकर’ को सेवा कर की पुनरीक्षित दर में सम्मिलित किया जाएगा। इससे सेवा कर दर में प्रभावी वृद्धि 12 दशमलव 36 प्रतिशत की विद्यमान दर (उपकरों को सम्मिलित करके) से बढ़कर 14 प्रतिशत हो जाएगी। नई सेवा कर दर वित्त विधेयक, 2015 के अधिनियमन के पश्चात केंद्रीय सरकार द्वारा अधिसूचित की जाने वाली तिथि से प्रभावी होगा। पुनरीक्षित दर के प्रभावी होने के समय तक ‘शिक्षा कर’ और ‘माध्यमिक एवं उच्चतम शिक्षा उपकर’ का सेवाकर में उद्ग्रहण होता रहेगा।