जिन बैंकों की इस खबर में हम बात करेंगे अगर उनमें से किसी में भी आपका खाता है तो आपकी टेंशन बढ़ सकती है. दरअसल आरबीआई ने खराब वित्तीय स्थिति का सामना कर रहे सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों को प्रॉम्प्ट एक्शन लिस्ट (PCA) में रखा है.
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नई दिल्ली : जिन बैंकों की इस खबर में हम बात करेंगे अगर उनमें से किसी में भी आपका खाता है तो आपकी टेंशन बढ़ सकती है. दरअसल आरबीआई ने खराब वित्तीय स्थिति का सामना कर रहे सार्वजनिक क्षेत्र के 11 बैंकों को प्रॉम्प्ट एक्शन लिस्ट (PCA) में रखा है. ये बैंक तेजी से अपने एटीएम बंद कर रहे हैं. इन बैंकों की लिस्ट में इंडियन ओवरसीज से लेकर केनरा बैंक जैसे दिग्गज बैंक भी शामिल हैं. ऐसे बैंकों ने पिछले एक साल में अब तक 1635 एटीएम बंद कर दिए हैं.
एटीएम से कैश ट्रांजेक्शन काफी महंगा
आरबीआई की तरफ से दिए गए निर्देश के तहत लागत घटाने के लिए इंडियन ओवरसीज बैंक, देना बैंक, इलाहाबाद बैंक भी एटीएम बंद करने का कदम उठा रहे हैं. स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के डिप्टी मैनेजिंग डायरेक्टर नीरज व्यास ने बताया कि एक एटीएम मशीन की कीमत करीब ढाई लाख रुपये है. वहीं इसकी ऑपरेटिंग कास्ट साढ़े चार लाख से 5 लाख रुपये तक है. ऐसे में एटीएम से कैश ट्रांजेक्शन काफी महंगा साबित हो रहा है.
7 बैंकों ने तेजी से बंद किए एटीएम
आरबीआई की तरफ से 11 बैंकों को पीसीए लिस्ट में रखा गया है, जिनमें से 7 बैंकों ने अपने एटीएम की संख्या को कम कर दिया है. इनमें सेंट्रल बैंक, इलाहाबाद बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, बैंक ऑफ महाराष्ट्र, कॉर्पोरेशन बैंक और यूको बैंक शामिल हैं. सबसे ज्यादा एटीएम की संख्या में कटौती सितंबर 2015 में पीसीए में आए इंडियन ओवरसीज बैंक ने की है. इन बैंकों की हालत सुधारने के लिए आरबीआई ने इनकी लेंडिंग पर भी कुछ बंदिशें लगा दी हैं.
3500 से 3000 हुए एटीएम
इंडियन ओवरसीज बैंक ने अपने 15 प्रतिशत एटीएम बंद कर दिए हैं. ऐसे में बैंक की एटीएम की संख्या घटकर तीन हजार रह गई है. जबकि अप्रैल 2017 में यह संख्या साढ़े तीन हजार थी. वहीं अपने एटीएम की संख्या कम करने वाले बैंकों में यूको बैंक दूसरे नंबर पर है. यूको बैंक ने अपने 7.6 प्रतिशत एटीएम बंद कर दिए हैं. यह काफी दिलचस्प है कि सरकारी बैंकों के बड़ी संख्या में एटीएम बंद होने के बावजूद कैश विदड्रॉल 2018 में 2017 के मुकाबले 22 प्रतिशत ज्यादा रहा था.
आपको बता दें एटीएम की संख्या 2017 के मुकाबले 2,07,813 से 107 बढ़कर इस साल 2,07,920 हो गई है. यानी पीसीए वाले बैंकों ने जो एटीएम बंद किए हैं, दूसरे बैंकों की तरफ से उससे ज्यादा एटीएम नए खोल दिए गए हैं.