दरअसल, वित्त मंत्री के भाषण और रेड सूटकेस का रिश्ता काफी पुराना है. पुराना होने के साथ ही रिश्ता बेहद दिलचस्प भी है. यह रिश्ता 158 पुराना है और तब से अब तक चला आ रहा है.
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नई दिल्ली: बजट का दिन आ गया है. इस दिन लोग अपने टीवी या दूसरे माध्यमों से बजट स्पीच को ध्यान से सुनते हैं. बजट भाषण तकरीबन एक घंटे या इससे ज्यादा का होता है. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि बजट भाषण इतना लंबा क्यों है और क्यों बजट के दस्तावेजों को रेड सूटकेस में लाया जाता है. दरअसल, वित्त मंत्री के भाषण और रेड सूटकेस का रिश्ता काफी पुराना है. पुराना होने के साथ ही रिश्ता बेहद दिलचस्प भी है. यह रिश्ता 158 पुराना है और तब से अब तक चला आ रहा है. आइये जानते हैं कैसे बना ये रिश्ता और क्यों इतना लंबा होता है बजट भाषण...
1860 में बना था रिश्ता
भारत के बजट और वित्त मंत्री के रेड सूटकेस के बीच का रिश्ता 1860 से बना था. 26 नवंबर 1947 को स्वतंत्र भारत के पहले वित्त मंत्री शणमुखम शेट्टी ने भी बजट को इसी रेड सूटकेस में पेश किया था. दरअसल, बजट फ्रांसीसी शब्द ‘बॉगेटी’ से निकला है, जिसका मतलब लेदर बैग यानी थैला होता है. 1860 में ब्रिटेन के ‘चांसलर ऑफ दी एक्सचेकर चीफ’ विलियम एवर्ट ग्लैडस्टन वित्त दस्तावेजों के बंडल को लेदर बैग में लेकर आए थे. तभी से यह परंपरा निकल पड़ी.
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इसलिए लंबा होता है भाषण
बजट के दस्तावेजों पर ब्रिटेन की क्वीन का सोने में जड़ा मोनोग्राम था. दरअसल, ब्रिटेन की क्वीन ने बजट पेश करने के लिए लेदर का यह सूटकेस खुद ग्लैडस्टन को दिया था. ग्लैडस्टन की बजट स्पीच काफी लंबी होती थी, जिसके लिए कई सारे वित्तीय दस्तावेज और पेपर्स की जरूरत होती थी. यहीं से लंबे बजट भाषण की परंपरा की शुरुआत हुई.
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2010 तक चला पुराना बैग
ब्रिटेन में रेड ग्लैडस्टन बजट बॉक्स 2010 तक प्रचलन में था. 2010 में इसे म्यूजियम में रख दिया गया और उसकी जगह एक फ्रेश रेड लेदर बजट बॉक्स का इस्तेमाल शुरू किया गया.
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दूसरे देशों में भी इस्तेमाल होता है रेड सूटकेस
भारत के बजट सूटकेस पर अब भी ब्रिटेन का असर है. स्वतंत्रता के बाद भी भारत में लाल रंग के लेदर बैग की यह परंपरा जारी है. ब्रिटेन के अलावा यूगांडा, जिम्बाब्वे और मलेशिया में भी बजट स्पीच के लिए इसी सूटकेस का इस्तेमाल होता है.
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हर साल बदल जाते हैं सूटकेस
ब्रिटेन में जिस तरह 2010 तक एक ही बैग का इस्तेमाल किया गया. वैसे ही भारत में भी वित्त मंत्री शणमुखम ने उसी सूटकेस का इस्तेमाल किया. लेकिन अब बजट डाक्यूमेंट्स लाने के लिए वित्त मंत्री नए सूटकेस का इस्तेमाल करते हैं. इसीलिए भारत में सूटकेस के शेड्स में अंतर दिखाई देता है. लेकिन उसका रंग लाल ही रहता है.
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प्रणब मुखर्जी का सूटकेस था खास
पूर्व राष्ट्रपति और कभी यूपीए सरकार के दौरान वित्त मंत्री रहे प्रणब मुखर्जी का सूटकेस सबसे खास माना जाता है. दरअसल, यूपीए सरकार के वित्त मंत्री के रूप में उन्होंने पूरी तरह ग्लैडस्टन जैसे रेड सूटकेस का इस्तेमाल किया. इसका शेड भी बिल्कुल वैसा था जैसे कभी ग्लैडस्टन इस्तेमाल करते थे.