रेलवे को आईसीयू से बाहर निकालने की कोशिश जारी है : सुरेश प्रभु
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रेलवे को आईसीयू से बाहर निकालने की कोशिश जारी है : सुरेश प्रभु

रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि रेलवे को आईसीयू से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही रही है और ऐसी स्थिति तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं जहां वह सांस ले सके।

रेलवे को आईसीयू से बाहर निकालने की कोशिश जारी है : सुरेश प्रभु

नई दिल्ली : रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने आज कहा कि रेलवे को आईसीयू से बाहर निकालने की कोशिश की जा रही रही है और ऐसी स्थिति तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं जहां वह सांस ले सके।

उन्होंने कहा, ‘रेलवे गंभीर संकट में थी, अभी ही नहीं बल्कि 20-30 साल से। राकेश मोहन समिति ने यही बात कही थी। इसलिए अब हम ऐसी स्थिति तैयार करने की कोशिश कर रहे हैं जहां रेलवे सांस ले पाएगी।’ यह पूछने पर कि क्या रेलवे अभी भी आईसीयू में है, उन्होंने कहा, ‘हम इसे आईसीयू से निकालने की कोशिश कर रहे हैं।’ 

इसे सशक्त बनाने के संबंध में प्रभु ने कहा, ‘जिंदा रहने के लिए रेलवे को अपने परिचालन में सुधार की जरूरत है। हम इसके लिए प्रयास कर रहे हैं। हम यह सुनिश्चित कर रहे हैं कि रेल अगले कुछ साल में वृद्धि का प्रेरक बने। हम इसके लिए हर तरह का प्रयास कर रहे हैं।’ ढुलाई में गिरावट के बीच रेलवे के संबंध में रणनीति के बारे में पूछे गए सवाल पर मंत्री ने कहा कि आने वाले दिनों में 1.2 अरब टन माल ढुलाई क्षमता तैयार करना चाहते हैं।

उन्होंने कहा, ‘माल ढुलाई का घटना हमारे हाथ में नहीं है। यह मुख्य क्षेत्रों की वृद्धि पर निर्भर है। जब मुख्य क्षेत्रों में वृद्धि दर्ज होगी तो माल ढुलाई भी बढ़ेगी। लेकिन हम 1.2 अरब टन माल ढुलाई के लिए तैयार हैं। रेलवे के इतिहास में पहली बार हमने ऐसी ढुलाई क्षमता तैयार करना चाहते हैं जो मांग से पहले तैयार है। इसलिए अब माल आना बाकी है।’ 

यह पूछने पर कि क्या रेलवे यात्री किराए में बढ़ोतरी करने की सोच रही है क्योंकि माल ढुलाई नहीं बढ़ रही है और न ही यात्रियों की संख्या में बहुत बढ़ोतरी हो रही है, प्रभु ने कहा कि इस पर नियामकीय प्राधिकार फैसला करेगा।

उन्होंने कहा, ‘हम किराए पर फैसले के लिए एक नियामकीय ढांचा तैयार कर रहे हैं। नियामक यह तय करेगा कि कितना किराया होना चाहिए।’ बढ़े हुए किराए के साथ कुछ रेलगाड़ियां पेश किए जाने के संबंध में उन्होंने नयी सेवाओं के लिए अलग किराया ढांचे का संकेत किया।

मंत्री ने कहा, ‘हम चार नए उत्पाद पेश कर रहे हैं - हमसफर, तेजस, अंत्योदय और उदय। इन उत्पादों के जरिए यह देखा जाएगा कि रेलवे की बाजार हिस्सेदारी कैसे बढ़ाई जाए।’ हाल में शुरू हुए गतिमान एक्सप्रेस का किराया शताब्दी से 25 प्रतिशत अधिक है जबकि महामना एक्सप्रेस की शुरूआत सामान्य ट्रेनों के किराए के मुकाबले 15 प्रतिशत अधिक किराए के साथ की थी।

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